इंटरनेशनल डेस्क. सीरिया की सिविल वॉर सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि जेलों में भी लड़ी जा रही है। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया सरकार की जेलों में बंद महिलाएं रोज रेप और टॉर्चर का शिकार हो रही हैं। रोज इन्हें सेल से निकाला जाता है और पोल से बांधकर इन्हें पूरे-पूरे दिन असॉल्ट किया जाता है। हालांकि, सीरिया सरकार हमेशा इससे इनकार करती रही है। गार्ड्स देते हैं कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स...
- रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें मोबाइल में विद्रोहियों का झंडा होने जैसे छोटे से आरोप के लिए ये सजा दी जाती है।
- सेक्शुअल असॉल्ट के बाद गार्ड्स इन्हें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स देते हैं और ये सब रोजाना बहुत तय रूटीन के साथ होता है।
- इसे इन्टेरोगेशन (पूछताछ) की प्रक्रिया और सजा की तरह देखा जाता है। हालांकि, सीरिया सरकार इसके इस्तेमाल की बात से इनकार करती रही है।
- इसी महीने एमेनेस्टी की रिपोर्ट में यहां की जेल में 13000 लोगों को एक साथ फांसी दिए जाने का भी मामला सामने आया था।
इस हद तक किया गया टॉर्चर
- सीरिया सरकार की कैद में रहीं लताकिया सिटी की लॉयर बसीमा द संडे टाइम्स न्यूजपेपर को अपने साथ हुए टॉर्चर बयां किए थे।
- बसीमा को रोज सुबह सेल से निकाला जाता और इसके बाद दिन भर पीटा जाता और टॉर्चर किया जाता।
- उन्होंने बताया कि एक बार उन्हें बालों के सहारे दीवार से लटके ट्यूब से बांध दिया गया था।
- इसके बाद पैर में रस्सी बांधकर उसे नीचे खींचा गया और सेक्शुअली असॉल्ट किया गया।
- इनकी क्रूरता यहीं खत्म नहीं हुई। इसके बाद उन्हें इसी हाल में एक पैर पर कई घंटों तक खड़ा रखा गया।
- इसके बाद जब उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, तब वो बेहोशी की हालत में थी। बसीमा को टेरेरिस्ट ग्रुप की मदद के शक में पकड़ा गया था।
क्रूरता के ऐसे ही और मामले
पिछले साल रिफ्यूजियों को साइकोथैरेपी और फिजिकल थैरेपी देने वाली ऑर्गेनाइजेशन 'सेंटर फॉर विक्टिम्स ऑफ टॉर्चर' ने टॉर्चर के कई चौंकाने वाले मामलों की डिटेल सार्वजनिक की थी। इनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
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