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अब बीआरपी-सीआरपी करेंगे हड़ताल
भास्कर न्यूज |सरायकेला/रांची
अपनीलंबित मांगों को लेकर परियोजना कर्मी जहां 14 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं, वहीं प्रखंड एवं संकुल साधन सेवियों ने भी 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए कमर कस ली है। इधर, प्रारंभिक शिक्षा के प्रमुख स्तंभ माने जाने वाले पारा शिक्षक भी आंदोलन का मूड बनाए हुए हैं।
कुल मिलाकर बताया जा रहा है कि सरकार की उदासीनता और लंबित मांगों के प्रति उपेक्षा के कारण वे हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हो रहे हैं। परिस्थिति को देख कर कयास लगाया जा रहा है कि अगर हड़ताल हुई तो सितंबर और अक्टूबर महीने में प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेहाल हो सकती है। पांच सूत्री मांगों को लेकर 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे प्रखंड एवं संकुल साधन सेवी ने बीआरपी- सीआरपी महासंघ के प्रदेश संघ के आह्वान पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
कर्मचारी क्यों हुए आंदोलन करने के लिए बाध्य
बतायाजा रहा है कि पिछले कई वर्षों से उक्त सभी मांगें लंबित रही हैं। इसे लेकर इस वर्ष मार्च में हुए समझौते के बाद भी किसी भी बिंदुओं पर सकारात्मक पहल नहीं किए जाने पर बीआरपी-सीआरपी पुन: आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं।
आंदोलन का आगाज
{17सितंबर की शाम को जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस।
{19 सितंबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ करते हुए कार्यालय पर एक दिवसीय धरना।
{20 से 23 सितंबर तक काले झंडे के साथ मोटरसाइकिल रैली निकाल कर बीआरसी-सीआरसी एवं प्रखंड कार्यालय को बंद कराएंगे।
{इसके आगे के आंदोलन की रणनीति बीआरपी-सीआरपी महासंघ के प्रदेश स्तरीय निर्णय के आलोक में संचालित किया जाएगा।
ये हैं पांच सूत्री मांगें
{देशके अन्य राज्यों की भांति झारखंड में कार्यरत बीआरपी-सीआरपी- आरपी को वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाए।
{38वीं कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार राज्य में कार्यरत बीआरपी-सीआरपी-आरपी को आरपी एवं सीआरसीसी के स्वीकृत पदों पर सामंजन किया जाए।
{बीआरपी-सीआरपी-आरपी को ईपीएफ के प्रावधान के अनुसार ईपीएफ कटौती का लाभ एवं जीवन बीमा का भी लाभ दिया जाए।
{प्राथमिक एवं उच्च विद्यालयों के शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बीआरपी-सीआरपी-आरपी को भी आरक्षण दिया जाए।
{अनुश्रवण भत्ता नहीं मिलने तक बीआरपी-सीआरपी-आरपी के प्रतिदिन तीन विद्यालयों के भ्रमण के आदेश को निरस्त किया जाए।