फूड डेस्क। खिचड़ी एक लोकप्रिय भारतीय व्यंजन है। इसे दाल तथा चावल को एक साथ उबाल कर तैयार किया जाता है। इसमें सब्जियां, घी या मसाले भी स्वाद और जरूरत के मुताबिक मिलाए जा सकते हैं। हाल ही में खिचड़ी को नेशनल फूड बनाए जाने की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों पर थी लेकिन फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर (केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री) हरसिमरत कौर बादल ने स्पष्ट किया कि खिचड़ी को दिल्ली में आयोजित हो रहे वर्ल्ड फूड इंडिया कॉन्फ्रेंस में ब्रांड फूड के रूप में प्रमोट किया जाएगा। इसे नेशनल फूड बनाए जाने की कोई योजना नहीं है।
एम्स नई दिल्ली की असिस्टेंट डाइटीशियन रेखा पाल शाह का कहना है कि खिचड़ी में दाल और चावल दोनों मिलाए जाते हैं। चावल से कार्बोहाइड्रेट्स मिलते हैं और दाल से प्रोटीन मिलता है। इसमें सब्जियां मिलाए जाने से विटामिन्स और मिनरल्स भी मिल जाते हैं और यह एक सम्पूर्ण आहार बन जाती है। इसमें जीरे का तड़का और घी मिलाने से इसके हेल्थ बेनिफिट्स और भी बढ़ जाते हैं।
दिल्ली में आयोजित हो रहे "वर्ल्ड फूड इंडिया" World Food India कॉन्फ्रेंस में 4 नवंबर को 800 किलो खिचड़ी पकाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। भारत के जाने माने शेफ संजीव कपूर अपने सहयोगियों के साथ यह खिचड़ी पकाएंगे। इस खिचड़ी को वर्ल्ड फूड इंडिया World Food India कॉन्फ्रेंस में आए देश विदेश के गणमान्य अतिथियों के अलावा दिल्ली के अनाथ बच्चों को भी परोसा जाएगा।
World Food India कॉन्फ्रेंस में शेफ संजीव कपूर जो 800 किलो खिचड़ी पकाएंगे उसके लिए खासतौर पर 1000 लिटर की क्षमता और 7 फीट डायमीटर वाला पैन तैयार करवाया गया है। इस पैन में ही यह खिचड़ी तैयार की जाएगी।
खिचड़ी को भारत का स्टेपल फूड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सैकड़ों सालों से खिचड़ी भारत के लगभग हर हिस्से में खाई जा रही है। मकर संक्रांति का त्योहार तो खासतौर पर खिचड़ी के लिए ही जाना जाता है। कहा जाता है कि गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ ने भगवान शिव को खिचड़ी का प्रसाद चढ़ाया था। गुरु गोरखनाथ ने अपने शिष्यों और योगियों को दुश्मनों से लड़ाई के दौरान चुस्त और फुर्तीला रहने के लिए खिचड़ी बनाकर खिलाई थी। तबसे गोरखपुर में मकर संक्रांति के त्योहार पर काफी बड़ा खिचड़ी मेला लगता है।
कहा जाता है कि खिचड़ी शब्द संस्कृति भाषा के शब्द 'खिच्चा' से आया है। मुगलकाल में भी खिचड़ी काफी फेमस डिश थी। 16 वीं सदी में मुगल बादशाह अकबर के वज़ीर अबुल फजल के द्वारा लिखे गए दस्तावेजों में भी अलग-अलग तरह से खिचड़ी पकाने की विधि का उल्लेख मिलता है।
इंडिया के अलावा मध्य पूर्व के देशों, कई अफ्रीकन कंट्रीज, मोरक्को, इजिप्ट जैसे देशों में खिचड़ी काफी पॉपुलर है। यहां पर अलग तरीकों से खिचड़ी बनाई जाती है और इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। इन देशों में खिचड़ी में मीट भी मिलाया जाता है।
खिचड़ी में कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन्स, मिनरल्स, वाटर, फाइबर्स जैसे कई हेल्दी न्यूट्रिएंट्स होते हैं।
कहते हैं खिचड़ी के चार यार दही, पापड़, घी, अचार। यानी खिचड़ी खाते समय दही, पापड़, घी और अचार साथ में होना जरूरी है इन चारों के कॉम्बिनेशन के साथ ही खिचड़ी ज्यादा स्वादिष्ट लगती है।
खिचड़ी न्यूट्रिशन्स से भरपूर होती है।
खिचड़ी खाने से इनडाइजेशन से बचाव होता है।
खिचड़ी वेट लॉस में हेल्पफुल होती है।
खिचड़ी डायबिटीज से बचाव में मदद करती है।
खिचड़ी वात, पित्त और कफ से बचाव में हेल्पफुल है।
खिचड़ी खाने से बॉडी डिटॉक्स होती है।
खिचड़ी खाने से हेल्दी और ग्लोइंग स्किन मिलती है।
आगे की स्लाइड्स में जानिए खिचड़ी खाने से क्या फायदे होते हैं...
(शादी के बाद लड़कियों की बॉडी कैसे बदल जाती है, जानने के लिए क्लिक करें आखिरी स्लाइड पर)
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.