मंत्री बोले-स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहिए डार्विन का गलत सिद्धांत

5 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

औरंगाबाद . केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने इंसानों के विकास पर चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को ‘वैज्ञानिक रूप से गलत’ बताया है। उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव करने को कहा। सिंह ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने मौखिक या लिखित तौर पर कभी किसी एप (बंदर) के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है।’ उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘(इंसानों के विकास संबंधी) चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है। स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है। इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है।’ 


ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्य महाराष्ट्र के इस शहर में आए पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में एप के इंसान में बदलने का जिक्र नहीं किया था।’ डार्विनवाद जैविक विकास से संबंधित सिद्धांत है। उन्नीसवीं सदी के अंग्रेज प्रकृतिवादी डार्विन और अन्य ने यह सिद्धांत दिया था।

खबरें और भी हैं...