मुंबई. चार फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे है और इस मौके पर DainikBhaskar.com अपने रिडर्स को एक ऐसी लेडी ऑफिसर के बारे में बता रहा है, जिसने कैंसर को मात देकर महिलाओं एक लिए मिसाल पेश है। कैंसर सर्वाइवर रूबी अहलूवालिया मुंबई सेंट्रल रेलवे में फाइनेंसियल एडवाइजर की पोस्ट पर तैनात हैं। कैंसर से जंग जीतने के बाद रूबी ने ‘संजीवनी -लाइफ बियॉन्ड कैंसर’ नाम की एक एनजीओ बनाई। जो अब तक 1 लाख से ज्यादा कैंसर पेशेंट्स की हेल्प करने के साथ उन्हें एम्पावर करने का काम कर चुकी है। 72 शॉर्ट मूवी भी बनाई...
रूबी कैंसर सर्वाइवर के ऊपर अब तक 72 शॉर्ट मूवी भी बना चुकी हैं, जिससे कैंसर पेशेंट्स को मोटिवेट किया जाता है। देश के 8 बड़े शहरों के 9 सरकारी हॉस्पिटल्स में ‘संजीवनी’ अपनी सेवाएं दे रही है। रूबी ने खास बातचीत में लाइफ के एक्सपीरियंस शेयर किए।
ऐसे हुई थी सिविल सर्विसेज में सेलेक्ट
- 54 साल की रूबी बताती हैं- "मेरा जन्म 29 अप्रैल 1963 को देहरादून में हुआ था। पापा प्रकाश चंद अहलूवालिया पुलिस ऑफिसर थे। वे लखनऊ में काफी टाइम तक पोस्टेड रहे।
- "मेरा बचपन काफी अच्छे से बीता। पापा सर्विस में थे, इसलिए कभी कोई फाइनेंसियल प्रॉब्लम फेस नहीं करनी पड़ी। मैंने 12वीं की पढ़ाई लखनऊ के कारमेल कॉलेज से पूरी की। लखनऊ यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उसके बाद गोविन्द बल्लभ भाई पन्त सोशल साइंस इंस्टीटयूट से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की।"
- "1986 में सिविल सर्विसेज के लिए एग्जाम दिया और मेरा सिलेक्शन हो गया। मुझें सेंट्रल रेलवे में चीफ अकाउंटेंट की जॉब मिल गई।"
आगे की स्लाइड्स में जानें कैसे रूबी ने कैंसर को दी मात और कैंसर पेशेंट्स के लिए क्या कर रहीं काम...
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