रायसेन/भोपाल. दशहरे के दिन मां कंकाली देवी की गर्दन सीधी हो जाती है। इस रहस्य को अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है। यहां वर्ष भर भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्तों को यहां आने के लिए परेशानी न हो इसलिए मंदिर की वेबसाइट तैयार की गई है। मंदिर के बारे में क्या है मान्यता...
-मान्यता के मुताबिक गुदावल स्थित मां कंकाली देवी की प्रतिमा की टेढ़ी गर्दन दशहरे के दिन सीधी हो जाती है।
-संतान प्राप्ति की मनोकामना को लेकर हजारों की संख्या में प्रदेश भर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
-भोपाल से 20 और रायसेन से 30 किमी दूर स्थित इस मंदिर की वेबसाइट भी तैयार कर ली गई है।
-इसके अलावा मां कंकाली देवी के चित्र वाले चांदी के सिक्के भी बनवाए गए हैं।
-मंदिर निर्माण के लिए 11 हजार या इससे अधिक राशि दान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह सिक्का उपहार के तौर पर दिया जाएगा।
-वेबसाइट और चांदी के सिक्कों का लोकार्पण 7 अक्टूबर को पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा द्वारा किया जाएगा।
श्रद्धालु गोबर से उल्टे हाथ के निशान लगाते हैं
-मां कंकाली मंदिर विकास एवं सेवा सार्वजनिक ट्रस्ट के दुर्गाप्रसाद के मुताबिक संतान प्राप्ति के लिए मंदिर पर श्रद्धालु गोबर से उल्टे हाथ के निशान लगाते हैं।
-मां कंकाली मंदिर विकास एवं सेवा सार्वजनिक ट्रस्ट के दुर्गाप्रसाद के मुताबिक संतान प्राप्ति के लिए मंदिर पर श्रद्धालु गोबर से उल्टे हाथ के निशान लगाते हैं।
-मनोकामना पूरी होने पर हाथों के सीधे निशान बना दिए जाते हैं। यहां हाथों के हजारों निशान बने हुए हैं। नवरात्र में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
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