ग्वालियर। सूबे की गोठ स्थित बृज विहार कॉलोनी में कांता और वीरू की मौत के बाद से मातम पसरा है। कॉलोनी में हर कोई यही कह रहा था कि दोनों दोस्त थे,नियती को पता नहीं क्या मंजूर था जो दोनों की अर्थियां एक साथ उठ रही हैं। दोनों के ही परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि कल तक एक साथ घूमने वाले हमेशा के लिए दुनिया छोड़ कर चले गए।
दोनों के घर थे आस-पास
तीन बहनों में इकलौता वीरू ग्रेजुएशन कर रहा था। क्योंकि वह पढ़ाई में होनहार था इसलिए पूरे परिवार की उम्मीद उसी पर टिकी थीं। वहीं कांता सबसे छोटा था और दो बड़े भाई हैं। वह मजदूरी करता था। कांता और वीरू दोनों के घर में एक गली का अंतर है।
पिता ने धोती से खींचा,नहीं बच सका:
पुख्खन ने अपने बेटे वीरू को डूबते देख धोती डालकर उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन वह पानी में गोते खा चुका था और बदहवास हो गया था। जैसे तैसे वह बाहर निकला लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। वहीं कांता गहराई में नीचे चला गया जिसका शव कुछ देर बाद मिला।