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मेयर बोलीं- कॉलेज के दिनों में मैंने यहीं चलाई थी रायफल, मैदान कायम रहेगा
ओल्ड जीडीसी का खेल मैदान बचाने के लिए महापौर भी मैदान में
ओल्ड जीडीसी कॉलेज में खेल का मैदान बचाने की लड़ाई लड़ रहीं छात्राओं के साथ सोमवार को महापौर मालिनी गौड़ भी खड़ी हो गईं। उन्होंने मैदान का मुआयना किया और कहा कि इस मैदान से उन्हें भी लगाव है। कॉलेज के दिनों में जब मालव कन्या स्कूल में एनसीसी कैंप लगता था, तब वे रायफल की शूटिंग के लिए इसी मैदान में आती थीं। उन्होंने यही रायफल चलाई थी। होस्टल बनाने से आधा मैदान खराब हो रहा है। वे इसे बर्बाद नहीं होने देंगी। इसके लिए हर स्तर पर बात करेंगी। महापौर सुबह कॉलेज पहुंचीं और मैदान की स्थिति देखीं। जानकारी मिलने पर छात्राएं उनके पास गईं और कहा कि यहां आदिम जाति कल्याण विभाग का होस्टल गलत तरीके से बनाया जा रहा है। दो विभागों के अधिकारियों ने इसकी नपती में भी गड़बड़ी की। छात्राओं की बात सुनने के बाद महापौर ने प्रभारी प्राचार्य को बुलवाया। फिर उन्होंने निर्देश दिए कि जनभागीदारी समिति की बैठक की तारीख तय कर बताएं। उन्होंने कहा कि उसमें कोई निराकरण करेंगे।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री गौड़ का वादा याद दिलाया
मैदान बचाने के लिए हर स्तर पर करूंगी बात
ओल्ड जीडीसी में होस्टल निर्माण के कारण आधे से ज्यादा मैदान खराब हो रहा है इस मामले में आदिम जाति विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव सहित हर स्तर पर बात करेंगी। छात्राओं से भी बात की है। मालिनी गौड़, महापौर
फंड नहीं मिलने से अटका है रनिंग ट्रैक का काम
हमने महापौर के सामने भी समस्या रखी है। हर बिंदु से उन्हें अवगत करवाया है। हमें यहां रनिंग ट्रैक बनाने की अनुमति भी मिल चुकी है लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हुआ है। - ग्रीष्मा त्रिवेदी, खिलाड़ी
महापौर मालिनी गौड़ सोमवार को ओल्ड जीडीसी पहुंचीं और खेल का मैदान बचाने की लड़ाई लड़ रहीं छात्राओं से मुलाकात की।
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग ने भी होस्टल के निर्माण पर आपत्ति ली है। उसका कहना है कि उक्त जमीन उसकी है, लेकिन होस्टल बनाने के लिए उससे मंजूरी ही नहीं ली गई। हालांकि बाद में कलेक्टर ने होस्टल के निर्माण लगा दी है।
छात्राओं ने महापौर से कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्व. लक्ष्मणसिंह गौड़ ने कॉलेज के एक कार्यक्रम में कहा था कि इस मैदान में रनिंग ट्रैक बनवाएंगे। सरकार से इसकी मंजूरी भी मिल गई, लेकिन फंड नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो सका है।