इंदौर. मैराथन में पार्टीसिपेट करने इंदौर आई एक्ट्रेस रिमी सेन ने सिटी भास्कर से बातचीत की। उनका कहना है कि एक्टिंग कभी भी मेरा सपना नहीं था। एक्टिंग इसलिए शुरू की थी कि मॉडलिंग के बाद फिल्में मिलने लगी थी। उन्होंने अपने फिल्मी करियर को लेकर किए गए सवाल पर जवाब में बताया कि इंडस्ट्री में बेहतर एक्टिंग के बावजूद वे क्यों खुद को साबित नहीं कर पाईं। पहचान बदलना हो गया था मुश्किल...
- उन्होंने कहा कि मैंने कॉमेडी फिल्में ज्यादा की हैं क्योंकि मैंने इस जॉनर की फिल्मों में बेहतर एक्टिंग की।
- दूसरे ज़ॉनर की फिल्मों में ट्राय किया था, लेकिन वहां खुद को साबित नहीं कर पाई।
- ऐसा इसलिए की जिस ज़ॉनर से मेरी पहचान बनी, उसे बदलना मेरे लिए मुश्किल हो गया था।
- साथ ही कहा कि फिलहाल कॉमेडी फिल्मों से बोर हो चुकी हूं। अब मैं कुछ नया और क्रिएटिव करना चाहती हूं।
एटिट्यूड बर्दाश्त नहीं करती नई जनरेशन
- उनके मुताबिक, आदमी कितना भी ऊंचा क्यों ना हो जाए, पैर हमेशा ज़मी पर होना चाहिए।
- हमेशा सरल और सहज बने रहेंगे तो दुनिया ज्यादा रिस्पेक्ट करती है। वरना आज कि जनरेशन ज़रा भी एटिट्यूड बर्दाश्त नहीं करती है। अगर ऐसा किया भी तो आप खुद की इमेज ही खराब कर रहे हैं।
- रही बात कलाकारों की तो उन्हें जान लेना चाहिए कि एक आम आदमी से स्टार बनाने का पूरा श्रेय आम जनता को ही जाता है।
- आम जनता ही आपको ज़मीन से सितारों तक पहुंचाती है। इसलिए मैं हमेशा उनका रिस्पेक्ट करती हूं।
- बता देे कि रिमी ने फिल्म 'हंगामा' से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी। वे 'बुधिया सिंह- बॉर्न टू रन' मूवी प्रोड्यूस कर चुकी हैं।
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