ग्वालियर. साहब, हमारी ड्यूटी आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में लगाई गई है। हमें बाइक और हथियार इस काम के लिए दिए गए हैं, जबकि आशीष को बाइक चलाना नहीं आता है। ऐसे में हमें उन्हें पीछे बैठाकर बाइक चलानी पड़ती है। इस स्थिति में उनकी सुरक्षा कर पाना संभव नहीं है। हमें ट्रेनिंग में भी ऐसी सुरक्षा करना नहीं सिखाया गया है। इस आशय का पत्र व्यापमं फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों ने एएसपी राहुल लोढ़ा को लिखा है।
व्यापमं फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले आशीष चतुर्वेदी को चौबीस घंटे पुलिस सुरक्षा दी गई है। इसके लिए दो गार्ड एक बाइक सहित तैनात किए गए हैं।आशीष की सुरक्षा में दो गार्ड और एक बाइक तैनात की गई है। आशीष को बाइक चलानी नहीं आती इसलिए वो आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करता है। ऐसे में बॉडीगार्ड उनके पीछे बैठकर सुरक्षा प्रदान करता है। बाइक सुरक्षा गार्ड चलाता है और आशीष पीछे बैठते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह ठीक नहीं है, सुरक्षा गार्ड गाड़ी चलाएंगे और आशीष पीछे बैठेंगे ऐसे में पीछे से हमला होने की स्थिति में बाइक चलाने वाला गार्ड सुरक्षा नहीं कर पाएगा।
गुरुवार को आशीष के दोनों सुरक्षा गार्ड असिस्टेंट प्लाटून कमांडर हरि प्रसाद तिवारी और रामलखन शर्मा ने इस समस्या से अवगत कराने के लिए एएसपी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बाइक पर पीछे बैठाकर सुरक्षा करना दी गई ट्रेनिंग के विपरीत है। इसलिए सुरक्षा करना संभव नहीं है। यह व्यवस्था बदलना चाहिए। बुधवार की शाम को सुरक्षा गार्ड हरिशंकर तिवारी ने बाइक चलाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आशीष ने गार्ड को अपनी साइकिल पर बैठाकर सफर किया था।
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