लेह/नई दिल्ली. इंडिपेंडेंस डे पर चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय फौज ने नाकाम कर दिया। घुसपैठ की कोशिश लद्दाख में पेंगॉन्ग लेक के पास हुई। भारत की कार्रवाई के बाद चीनी सैनिकों ने पथराव किया। इसके चलते जवानों को चोटें आईं। चीन के भी कुछ सैनिकों के घायल होने की खबर है। घुसपैठ की इस घटना पर चीन ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच कोई झड़प हुई। इस बीच, इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री के सोर्सेज ने भी ऐसी किसी झड़प से इनकार किया है। बता दें कि 16 जून से सिक्किम के डोकलाम में भारत-चीन के बीच विवाद चल रहा है। भारत कह चुका है कि बातचीत तभी होगी, जब चीन की सेनाएं वापस जाएं। उधर, चीन ने कहा है कि भारत उसकी सीमा में जबर्दस्ती दाखिल हुआ है। लिहाजा उसकी सेना को पीछे जाना चाहिए। चीनी आर्मी ने दो जगह घुसपैठ की कोशिश की...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 15 अगस्त को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत के दो इलाकों 'फिंगर फोर' और 'फिंगर फाइव' में सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन दोनों ही बार भारतीय जवानों ने इसे नाकाम कर दिया।
- भारतीय फौज के रास्ता रोक देने के बाद चीन के सैनिकों ने ह्यूमन चेन बनाई और पथराव किया। भारतीय जवानों ने भी इसका जवाब दिया। इससे दोनों तरफ के जवानों को चोटें आईं। ड्रिल के बाद दोनों देशों की फौजें अपनी-अपनी पोजिशन पर लौट गईं।
चीन ने क्या कहा?
- मंगलवार को हुई घुसपैठ पर बुधवार को चीन का रिएक्शन आया। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन हु चुनयिंग ने कहा- लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई किसी झड़प की जानकारी नहीं है। हम बॉर्डर पर शांति चाहते हैं। हमारी सेना अपने हिस्से में पेट्रोलिंग करते हैं।
- हु ने आगे कहा- हमारी मांग है कि भारत एलएसी पार करने से बचे और इस बारे जो समझौते हैं, उनका दोनों देश सम्मान करें।
भारत ने क्या कहा?
- इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री के सोर्सेज ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश में पीएलए के सैनिकों के साथ टकराव की खबर झूठी है।"
भारत ने किया था हिस्से पर दावा
- 1990 के दशक के दौरान भारत ने इलाके में अपना दावा किया था। इसके बाद चीनी आर्मी ने यहां एक सड़क बना ली थी और इसे अक्साई चिन का हिस्सा बताया था।
- चीन फिंगर फोर तक भी रोड बना चुका है जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से महज 5 किमी दूर है।
- पेंगॉन्ग लेक के उत्तरी और दक्षिणी तट पर चीन लगातार पैट्रोलिंग करता रहा है। लेक भारतीय सीमा से 45 किमी तो चीन सीमा से 90 किमी दूर है।
भारत ने चीन बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई
- भारत ने चीन से सटे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के 1400 किलोमीटर लंबे साइनो-इंडिया बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सरकार के मुताबिक, देश की पूर्वी सरहद पर फौज के लिए अलर्ट लेवल बढ़ा दिया गया है।
- भारत का कहना है कि चीन हमारे इलाके में घुसपैठ कर रहा है। वहां भारत के 350 सैनिक जमे हुए हैं। बता दें कि डोकलाम भारत-चीन-भूटान का ट्रायजंक्शन है।
- "ईस्टर्न इलाके के सेंसिटिव इलाके में सुकना बेस्ड 33 कॉर्प्स, अरुणाचल और आसाम बेस्ड 3-4 कॉर्प्स प्रोटेक्शन की जिम्मेदारी दी गई है।" इस बारे में अफसर ने कोई जानकारी नहीं दी कि कितने सैनिक बढ़ाए गए हैं। अफसर ने ऑपरेशनल मूव होने के चलते ये जानकारी देने से इनकार कर दिया।
क्या है डोकलाम विवाद?
- ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।
- इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
भारत की क्या है चिंता?
- नई दिल्ली ने चीन से कहा है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।