चिंदबरम ने RBI की ऑटोनॉमी में दखल दिया था: एक किताब के हवाले से बोले मोदी

6 वर्ष पहले
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नई दिल्ली.  नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में एक किताब का हवाला देते हुए कहा कि पी. चिदंबरम जब यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर थे तो उन्होंने RBI की ऑटोनॉमी में दखल दिया था। मोदी ने अपनी स्पीच में पूर्व RBI गवर्नर डी. सुब्बाराव की किताब 'हू मूव्ड माई इंटरेस्ट रेट' का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने RBI गवर्नर उर्जित पटेल का बचाव भी किया। मोदी ने विपक्ष से कहा कि नोटबंदी के फैसले को लेकर उर्जित पटेल या RBI पर हमला करना ठीक नहीं है। मोदी बोले- मुझ पर हमला स्वाभाविक...
 
- मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया।
- इस दौरान मोदी ने कहा, ''मुझ पर हमला होना स्वाभाविक है। लेकिन रिजर्व बैंक और उनके गवर्नर को घसीटने का कोई कारण नहीं है।"
- "इनसे पहले भी जो गवर्नर थे, उस वक्त भी आवाजें उठी थीं। मैंने उसका भी विरोध किया था। आरबीआई की बड़ी भूमिका है अर्थव्यवस्था में।''
 
'चिदंबरम ने ओवरस्टेप किया'
- मोदी ने कहा, ''आरबीआई के गवर्नर सुब्बाराव ने एक किताब लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि 2008 में तत्कालीन वित्त सचिव के तहत लिक्विडिटी मैनेजमेंट कमेटी नियुक्त करने से मैं परेशान था।"
- "सुब्बाराव ने लिखा कि चिदंबरम ने भारतीय बैंक के विषय में ओवरस्टेप किया था। लिक्विडिटी मैनेजमेंट पूरी तरह से आरबीआई का विषय है। उन्होंने न सिर्फ ओवरस्टेप किया, बल्कि सुब्बाराव को बताया भी नहीं।"
-  "सुब्बाराव ने लिखा कि उन्हें नहीं पता था कि यह मेरे और उनके बीच मेरे आखिरी दिनों में संबंध असहज करने की टोन सेट करेगा।''
 
क्या है इस किताब में?
- डी. सुब्बाराव की किताब 'हू मूव्ड माई इंटरेस्ट रेट?'  जुलाई 2016 में आई थी।
- सुब्बाराव ने सितंबर 2008 से 2013 के बीच उस वक्त आरबीआई की कमान संभाली थी, जब इकोनॉमी के लिए बेहद मुश्किल दौर था।
- किताब में कहा गया है कि पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर्स चिदंबरम ने आरबीआई के कामकाज में खासतौर पर इंटरेस्ट रेट तय करने के मामले में दखल दिया।
- इस मुद्दे पर मतभेद के चलते दो डिप्टी गवर्नरों को सर्विस एक्स्टेंशन भी नहीं मिला।
- सुब्बाराव ने लिखा है कि चिदंबरम रिजर्व बैंक की हाई इंटरेस्ट रेट की पॉलिसी से चिढ़े हुए थे क्योंकि उनका मानना था कि इससे इन्वेस्टमेंट प्रभावित होने के कारण इजाफे पर असर हो रहा है।
- "चिदंबरम की ओर से न सिर्फ उनके ऊपर इंटरेस्ट रेट कम करने का दबाव था, बल्कि ऐसा न करने की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी।"
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