दिल्ली-NCR में 10 साल पुरानी डीजल कारों पर रोक हटाने से NGT का इनकार

6 वर्ष पहले
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नई दिल्ली.    नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुरानी डीजल गाड़िया पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। केंद्र सरकार ने पिटीशन फाइल कर एनजीटी से अपने फैसले में बदलाव करने की गुहार लगाई थी। ट्रीब्यूनल बेंच ने कहा कि एक पुरानी डीजल गाड़ी से 24 पेट्रोल और 40 सीएनसी कारों के बराबर पॉल्यूशन फैलता है। सुप्रीम कोर्ट भी बैन के ऑर्डर में बदलाव के लिए लगाई पिटीशन खारिज कर चुका है। बता दें कि बढ़ते पॉल्यूशन पर सख्ती दिखाते हुए एनजीटी ने अप्रैल, 2015 में पुराने डीजल व्हीकल्स पर बैन लगाने का ऑर्डर दिया था। पिटीशन में केंद्र की क्या मांग थी...
 
- एनजीटी के जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर गुरुवार को केंद्र की पिटीशन पर खारिज कर दी। ट्रीब्यूनल ने कहा कि हाईवे एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री कोई रिव्यू पिटीशन फाइल किए बिना ही डीजल गाड़ियों पर बैन के ऑर्डर में बदलाव चाहती है।    
 
- बता दें कि जनवरी में केंद्र ने एनजीटी के फैसले को चुनौती देते हुए लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई। इसमें सरकार की मांग थी कि डीजल गाड़ियों पर बैन 15 साल पुरानी गाड़ियों पर लागू किया जाए। ये भ्रम फैल गया है कि सिर्फ डीजल गाड़ियों से ही पॉल्यूशन हो रहा है।
 
पिछले साल रजिस्ट्रेशन कैंसल करने का ऑर्डर दिया
 
- जुलाई, 2016 में एनजीटी ने आरटीओ को पुरानी गाड़ियां का रजिस्ट्रेशन कैंसल करने का ऑर्डर जारी किया, लेकिन डीजल गाड़ियों पर बैन की सीमा बढ़ती गई।
- बता दें कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को लेकर एनजीटी काफी सख्त है। इसके लिए पुरानी डीजल गाड़ियों को जिम्मेदार बता चुका है।
- एक सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सरकार से कहा था कि हैवी टैक्स लगाकर डीजल गाड़ियों पर रोक लगाई जाए या फिर इसकी प्रॉसेस शुरू कर दी जाए। पूछा था कि जब डीजल कारें, पेट्रोल की तुलना में महंगी हैं तो आखिर इन पर रोक लगाने में क्या परेशानी है?
- इसी साल मई में इन्वायरमेंट मिनिस्ट्री को ऑर्डर दिया था कि वह दो महीने के भीतर डीजल से चलने वाले रेल इंजनों के लिए उत्सर्जन नियम तय करे।
 
नए व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन पर रोक
- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में नई डीजल कार और टैक्सियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई है। 16 दिसंबर, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने 2000 सीसी से ज्यादा की गाड़ियों के दिल्ली में रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाया था।