नई दिल्ली. लोकसभा में जारी विपक्ष के हंगामे के बीचविदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कांग्रेस, नेहरू-गांधी परिवार, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया। उन्होंने राहुल गांधी से कहा, ''अपनी ममा (मां) से पूछें कि डैडी (राजीव गांधी) ने क्वात्रोक्की को क्यों भगाया, एंडरसन को क्यों अमेरिका को लौटाया, एंडरसन को छोड़कर अपने दोस्त आदिल शहरयार को लाकर क्विड प्रो क्को (लेनदेन) क्यों किया?'' dainikbhaskar.com आपको बता रहा है कि आखिर क्या हैं भोपाल गैस कांड के दोषी एंडरसन के भारत से भागने की कहानी।
ऐसे भागा था भोपाल गैस कांड का दोषी एंडरसन
- 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड कंपनी से जहरीली गैस का रिसाव हुआ। 15 हजार लोगों की मौत हुई। (सरकारी आंकड़ा 3787)
- यूनियन कार्बाइड और इसके सीईओ वारेन एंडरसन के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा था, 3 दिसंबर की शाम हनुमानगंज पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ।
- डॉन कर्जमैन की बुक 'किलिंग विंड' के मुताबिक, एंडरसन अपने कुछ सहयोगियों के साथ 7 दिसंबर की सुबह 9.30 बजे इंडियन एयरलाइंस के विमान से भोपाल पहुंचा। एयरपोर्ट पर तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और डीएम मोती सिंह ने उसे रिसीव किया।
- सुबह करीब 11 बजे बजे भोपाल के एसपी और डीएम वारेन एंडरसन को एक सफेद एंबेस्डर कार में यूनियन कार्बाइड के रेस्ट हाउस ले गए और वहीं उसे हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी गई।
- दोपहर में सीएम अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, तब एक फोन आया और एंडरसन को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया गया।
- दोपहर 3.30 बजे एंडरसन को भोपाल के एसपी ने बताया कि सरकार ने आपको दिल्ली भेजने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की है, जहां से आप अमेरिका लौट सकते हैं।
- 25,000 रुपए का बॉन्ड और कुछ जरूरी कागजों पर साइन करने के बाद एंडरसन तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और राजीव गांधी की मदद से दिल्ली फिर अमेरिका के लिए उड़ गया। तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी उसे छोड़ने स्टेट हैंगर गए।
- बॉन्ड में एंडरसन ने ट्रायल के दौरान कोर्ट में आने की बात कही थी, लेकिन वह कभी भारत नहीं लौटा। 9 फरवरी 1989 को सीजेएम कोर्ट ने एंडरसन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। उसे 1 फरवरी 1992 को भगोड़ा घोषित किया गया।
- 29 सितंबर 2014 को फ्लोरिडा (अमेरिका) के एक नर्सिंग होम में एंडरसन की मौत हो गई, जिसका एक महीने बाद खुलासा हुआ।
- एंडरसन की रिहाई और दिल्ली के लिए विशेष विमान उपलब्ध कराने की जांच के लिए 2010 में एक सदस्यीय जस्टिस एस. एल. कोचर आयोग का गठन किया गया।
- आयोग के सामने तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी ने कहा कि एंडरसन की गिरफ्तारी के लिए 'लिखित' आदेश था, लेकिन रिहाई का आदेश 'मौखिक' था। यह आदेश वायरलेस सेट पर मिला था।
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