केले, पपीते और आम से कैंसर ऐसे पहचानें कितना सेफ है आपका फल

6 वर्ष पहले
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यूटिलिटी डेस्क। आप जिन फलों को सेहत के लिए खा रहे हैं, केमिकल से पके होने के कारण वो आपका सेहत बिगाड़ भी सकते हैं। लेकिन आप चाहें तो केमिकल से और प्राकृतिक तौर पर पके फलों में अंतर पता कर सकते हैं।
फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड, कार्बेट और एथिलीन जैसे केमिकल्स का यूज होता है। इथिफोन के घोल में केले डालने से उसके पोर खुल जाते हैं और पकना आसान हो जाता है। लेकिन पोर खुलने से केमिकल उसके अंदर चला जाता है। कैल्शियम कार्बाइड व कार्बेट से पपीते व आम को गर्मी मिलती है। इसलिए ये फल जल्दी पकते हैं और रंग भी पीला हो जाता है। ऐसे फलों में मूल स्वाद और गुणवत्ता का अभाव रहता है।  
 
पं. रविशंकर शुक्ल विवि में रसायन शास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शम्स परवेज के अनुसार कैल्शियम कार्बाइड, इथिफोन व इससे मिलते-जुलते केमिकल शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं। इथिफोन से निकलने वाली गैस से आंखों व त्वचा पर जलन, सांस लेने में कठिनाई और चक्कर आने जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
 
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