1. साफ रहें, अपना घर और स्कूल भी साफ रखें।
2. कुछ भी पढ़े, लेकिन पढ़ें। भले ही अखबार क्यों न हो, जिसमें आप पकौड़े खरीदते हों। अगर कर सकते हों, तो बड़े लोगों की जीवनी पढ़ें। दुनिया को समझने और इतिहास के करीब से महसूस करने का यही एकमात्र तरीका है।
3. खेलो। अपना पूरा वक्त सिर्फ किताबों, कम्प्यूटर, टीवी तक सीमित न रखें।
गूगल गुरु को भूल जाएं नहीं तो आपके पास सिर्फ सूचना होगी, ज्ञान नहीं।
4. देश के लिए कुछ करें, भले ही वह छोटा सा योगदान क्यों न हो। यह बिजली बचाना हो सकता है, पानी बर्बाद होने से रोकना या खूब पढ़ाई करना भी हो सकता है।
5. कुछ करने का आनंद होना चाहिए। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं और क्या करते हैं, लेकिन जो करें उसका खूब आनंद उठाएं।
6. स्किल डेवलपमेंट पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि कोई न कोई हुनर जरूर विकसित करें।
7. अपने भीतर के बालक को जीवित रखिए।
असम के एक छात्र के सवाल पर दिए गए जवाब को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई है। असम से एक स्कूली छात्र ने जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) पर चिंता जताते हुए मोदी से सवाल पूछा तो प्रधानमंत्री ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन नहीं हुआ है। हम बदल गए हैं। हमारी सहन शक्ति और आदतें बदल गई हैं। अगर हम बदलते हैं तो भगवान ने भी ऐसी व्यवस्था बनाई है जिससे कि अपने आप संतुलन कायम हो सके।' मोदी की इस टिप्पणी के लिए ट्विटर पर अलग-अलग टिप्पणियों के जरिए उनकी आलोचना होने लगी। (देखें ऊपर ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट)
अगली स्लाइड में देखिए मोदी के बच्चों से संवाद की पहल की आलोचना करते कुछ और ट्वीट्स।