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बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी ठहराया
दुर्घटनाग्रस्त वाहन का खारिज किया था क्लेम
लीगलरिपोर्टर.अजमेर
बिनाउचित आधार के दुर्घटनाग्रस्त वाहन का क्लेम खारिज करने के मामले में जिला उपभोक्ता मंच ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। बीमा कंपनी ने दस्तावेजों में भिन्नता अंतर होने के आधार पर क्लेम देने से इनकार किया था।
मंच ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि पीड़ित उपभोक्ता को दुर्घटनाग्रस्त कार को ठीक कराने मे व्यय हुए 61 हजार 800 रुपए और परिवाद व्यय के पांच हजार रुपए अदा करें। मंच के समक्ष मेड़ता निवासी भूपेंद्र टांक ने वकील सूर्यप्रकाश गांधी के जरिये परिवाद दायर किया था। इसके अनुसार परिवादी की कार 19 जुलाई 2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। कार का बीमा क्लेम कंपनी के समक्ष पेश किया।
कंपनी ने यह कहकर क्लेम देने से इंकार कर दिया कि दावे के साथ जो बिल पेश हैं उसमें कार का रंग सफेद बताया है जबकि वास्तव में कार सिल्क सिल्वर कलर की है। वाहन के अस्थाई रजिस्ट्रेशन पर भी चैसिस और इंजिन नंबर अलग-अलग है। परिवादी के वकील का कहना है कि वाहन के डीलर के यहां से प्राप्त दस्तावेज में लिपिक की त्रुटि से कुछ तथ्य गलत हो गए थे लेकिन क्लेम के साथ पेश दस्तावेज मे जो जानकारी दी गई है वह बिल्कुल सही है। मंच ने अपने निर्णय में कहा कि डीलर की गलती का खामियाजा उपभोक्ता नहीं भुगते। इसलिए बीमा कंपनी को क्लेम राशि का भुगतान करना चाहिए।