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श्रीजी का अभिषेक कर की धर्म आराधना
दिगंबरजैन समाज के चल रहे पर्यूषण पर्व पर सोमवार को उत्तम तप धर्म आराधना के रूप में मनाया गया। पंडित दीपक शास्त्री ने कहा कि व्रत, उपवास, रस, परित्याग आदि बाह्य तप है। अंतरंग में तप धारण करने से ही आत्मा का कल्याण होता है। इससे पहले सुबह मंदिर में तीन सौ से अधिक श्रावकों ने श्रीजी का अभिषेक किया। अभिषेक करने के लिए कतार मंदिर की सीढिय़ों तक आने लगी। स्कूलों में छुट्टियां होने से आठ साल से अधिक के बच्चे भी अपने परिजनों के साथ अभिषेक के लिए रहे हैं। आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि मूलनायक आदिनाथ भगवान की शांतिधारा पदमचंद गदिया ने की। गदिया को चांदी का कलश देकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सम्मान किया। शांतिधारा के लिए भी श्रावकों में होड़ सी मची हुई है। इस अवसर पर पंच परमेष्ठी, सोलह कारण, आदिनाथ भगवान दशलक्षण धर्म के साथ उत्तम तप धर्म की पूजा की।
नाटक मंचन करते बाल कलाकार।
महामस्तकाभिषेक 15 को
आमलियोंकी बारी स्थित दिगंबर जैन अजमेरा की गोठ का बड़ा मंदिर में गुरुवार सुबह सवा सात बजे तथा सुभाषनगर स्थित नेमीनाथ चौबीसी दिगंबर जैन अतिशयकारी मंदिर में सुबह साढ़े छह बजे से महामस्तकाभिषेक का आयोजन होगा। पवन अजमेरा आरके बाकलीवाल ने बताया इस महामस्तकाभिषेक में शहर के सभी जैन समाज के लोग हिस्सा लेंगे।