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महापंचायत में जुटे रावणा राजपूत
जयपुर| अखिलराजस्थान रावणा राजपूत महासभा की ओर से सोमवार को समाज की महापंचायत हुई। विद्याधर नगर स्टेडियम में हुई इस महापंचायत में वक्ताओं ने इतिहासकारों द्वारा पिछड़े और अशिक्षित राजपूतों के दूसरे वर्ग रावणा राजपूतों को पाठ्यक्रम में अशोभनीय भाषा से परिभाषित करने की निंदा की। साथ ही मांग की कि केंद्रीय और राज्य ओबीसी ओबीसी सूची में दरोगा, रावणा राजपूत, हजूरी, वजीर, दरोगा-रजोत, समान पदसूचक जातियों को एक ही नाम ‘रावणा राजपूत’ का जाति प्रमाण पत्र दिया जाए।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता डूंगरपुर के पूर्व पालिकाध्यक्ष शंकरसिंह सोलंकी थे। उन्होंने कहा किसी भी समाज या जाति को लिखित में अपमानित करना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। अब इतिहास बदलना चाहिए। महापंचायत में बताया गया कि इन दोनों मुद्दों पर महासभा ने प्रधानमंत्री सहित राजस्थान के राज्यपाल कल्याणसिंह और केन्द्रीय/राज्य ओबीसी आयोग को ज्ञापन भिजवा दिया है।
सम्मेलन में गुमानसिंह जोधा, कानसिंह राठौड़, जगदीश सिंह सांखला विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस मौके पर वीरेन्द्र सिंह रावणा द्वारा लिखित रावणा राजपूत इतिहास पुस्तक का विमोचन किया गया। महापंचायत को युवा अध्यक्ष चरण सिंह सांखला, महिला अध्यक्ष नीतू सिंह आिद ने संबोधित किया।
दरोगा, रावणा राजपूत, हजूरी, वजीर, दरोगा-रजोत, समान पदसूचक जातियों को ‘रावणा राजपूत’ का जाति प्रमाण पत्र