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11 लाख का ऑफर कैंसिल, 3.85 लाख में ही लगेगा सर्कस
दशहरामेले में सर्कस की जमीन आवंटन को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही कशमकश सोमवार की रात को समाप्त हो गई। तीन घंटे तक सीओ, महापौर, उपमहापौर, अकाउंट आॅफिसर मेला समिति चेयरमैन के बीच बैठक चली। बाद में फाइनल हुआ कि राजेंद्र सिंह भदौरिया को ही जमीन आवंटन होगा। दूसरे पक्ष का 11 लाख रुपए का ऑफर निरस्त कर दिया गया। इस दौरान महापौर 11 लाख रुपए देने वाले को जमीन देने के लिए कहते रहे, लेकिन सारे नियम-कानून देखने के बाद यह निर्णय लिया गया। मेला समिति ने पिछली बैठक में पिछले साल के आधार पर सर्वसम्मति से सर्कस की जमीन 3.85 लाख रुपए में राजेंद्र सिंह भदौरिया के नाम आवंटित की थी। इसके बाद अजय कुमार नाम से महापौर को एशियाड सर्कस की तरफ से एक पत्र दिया गया था। जिसमें लिखा था कि भदौरिया के पास कोई सर्कस नहीं है। एशियाड सर्कस हमारे पास है इसलिए जमीन हमें आवंटित की जाए। इसके लिए उन्होंने 11 लाख रुपए शुल्क देने का आॅफर भी दिया। इस विवाद के बाद निगम ने भदौरिया की रसीद भी काटने से रोक दी थी। इसका फैसला करने के लिए आयुक्त शिवप्रसाद एम नकाते, महापौर महेश विजय, उपमहापौर सुनीता व्यास, एकाउंट आॅफिसर दिनेश जैन मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा की समिति बना दी गई थी। इस समिति की सोमवार को शाम 6.30 बजे से बैठक शुरू हुई और 9.30 बजे खत्म हुई।
समिति अध्यक्ष मित्रा के अनुसार इस दौरान सारे नियम-कायदे और फाइलें देखी गई। पिछले साल एशियाड सर्कस की तरफ से भदौरिया असलम शेर खान की तरफ से रसीद कटी थी। गारंटी के तौर पर भदौरिया के प्रॉपर्टी के पेपर रखे गए थे। जबकि, 11 लाख का जो आॅफर दिया गया था वो किसी अजय कुमार की तरफ से था। पिछले साल जमीन आवंटन में अजय कुमार की तरफ से कोई रसीद नहीं कटी और ही असलम शेर खान ने इस बार कोई आवेदन किया। इस आधार पर सभी ने यही निर्णय लिया कि भदौरिया को ही जमीन आवंटित की जाएगी। मेला समिति का निर्णय ही अंतिम रहेगा।
सर्कसका शुल्क कम किया जाए: मेलाअधिकारी राजेंद्र सिंह चारण के अनुसार बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि सर्कस झूलों के शुल्क कम करवाया जाएगा। ताकि आम जनता भी इसका आनंद ले सके। साथ ही स्टूडेंट्स के लिए रियायत दर पर टिकट उपलब्ध हो।
सर्कस की जमीन आवंटन के लिए बैठक करते महापौर अधिकारी।
फैसला