कासं. सवाई माधोपुर
देवशयनी एकादशी का पर्व शनिवार को मनाया गया। इस अवसर पर देवालयों एवं मंदिरों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम तथा पूजा पाठ के आयोजन हुए। देवालयों में जागरण, कीर्तन एवं भजनों के कार्यक्रम हुए। देवशयनी एकादशी पर देवों को चार माह के लिए विश्राम के लिए भेजा गया।
हिंदू धर्मावलंबियों में विवाह एवं मांगलिक कार्य देव शयन काल के दौरान बंद रहेंगे। देवशयनी एकादशी के अवसर पर लोगों ने घरों में पकवान बनाकर भगवान को भोग लगाया गया।
भगवतगढ़. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में देवशयनी एकादशी का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। देवशयनी एकादशी को गुड़ी बोहनी एकादशी के रूप में मनाया गया।
तालाब एवं सरोवरों में पानी नहीं होने के कारण बालिकाओं ने गड्ढों में भरे पानी में ही गुड्डियां बनाकर
बहानी पड़ी। देवशयनी एकादशी पर मंदिरों एवं देवालयों में भगवान की झांकी सजाई गई।
चौथ का बरवाड़ा. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में देवशयनी एकादशी पर पूजा पाठ हुए। चौथ माता मंदिर में भजन-कीर्तन हुए।
देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
शिवाड़. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में देवशयनी एकादशी पर भगवान का पूजन किया गया। मंदिरों
एवं देवालयों में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम हुए।
कुस्तला. कुस्तला के आसपास के गांव गंभीरा, जीनापुर, बोरीप, जुवाड़ आदि गांवों में देवशयन एकादशी होने के कारण लोगो ने मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मंदिरों को झांकियों से सजाया गया एवं जलाभिषेक किया गया। वहीं कई मंदिरों में हवन कर वर्षा की कामना की गई।