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बारिश के तेज बहाव मेंे बह गईं 15 करोड़ की सड़कें
जिलेभर में इस साल औसत से अधिक बारिश के कारण सड़कें बदहाल हो चुकी है। पानी के तेज बहाव के बाद खस्ताहाल हुई सड़कों पर ओवरलोडिंग के दबाव के कारण ६६९ किमी का मार्ग खराब हो गया। इससे लोक निर्माण विभाग को करीब साढ़े 15 करोड़ का नुकसान हुआ है। मार्बल माइनिंग क्षेत्र से मार्बल को परिवहन करने वाले ट्रक और ट्रोलों में क्षमता से अधिक मार्बल ब्लॉक का लदान किया जा रहा है। इससे जिले की कई सड़कें टूट चुकी हैं। इसमें माइनिंग क्षेत्र के मुंडोल से पुठोल, हाल ही में निर्माणाधीन फोरलेन, सापोल से केलवा, केलवा से आमेट, बामन टुकड़ा, जेतपुरा, आत्मा से थोरिया, झांझर, उमठी की सड़कें पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि परिवहन विभाग के उदासीनता से दिनों-दिन बढ़ते ओवरलोड से माइनिंग क्षेत्र की सड़के निर्माण के महीने भर भी सलामत नहीं रहती है। हाल ही में राजनगर से मुंडोल तक तीन करोड़ की लागत से बनी सड़क पर ओवरलोडिंग वाहन गुजरने से सड़क टूटने लग गई हैं। ओवरलोड वाहनों का संचालन सड़कों पर गुजरने वाले वाहनों के लिए भी खतरा बना हुआ है। जिलेभर में औसत से कई गुना ज्यादा बारिश बारिश में ओवरलोडिंग के कारण जिले की 669 किलोमीटर सड़कें पानी के साथ बह गई। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सुरेंद्र कुमार बुनकर ने बताया कि जिले में बारिश के कारण ओवरलोडिंग वाहनों से 669 किमी की सड़कें टूट चुकी हैं। जिससे विभाग को लगभग 15 करोड़ 50 लाख का नुकसान हुआ। भीम उपखंड में 222 किमी सड़कें टूट गई। जिससे एक करोड़ 57 लाख का नुकसान हुआ। कुंभलगढ़ उपखंड में २६७ किलोमीटर सड़कें टूटने से 7 करोड़ 12 लाख का नुकसान हुआ। राजसमंद उपखंड में 180 किमी सड़कें बहने से 7 करोड़ 80 लाख का नुकसान हुआ। जिले में सबसे ज्यादा रेलमगरा तहसील में 15 इंच बारिश होने से 100 से अधिक किमी सड़कें बह गई हैं। इसके बाद कुंभलगढ़ तहसील में 90 किमी सड़कें पानी के साथ बह कर चली गई। आपदा प्रबंधन से सारा भुगतान होना असंभव हैं। ऐसे मेें राज्य सरकार पैसे देती हैं तो जिले में टूटी सड़कों की भरपाई होगी।
अन्यथा लोगों को परेशान होना पड़ेगा।
मुंडोल से पुठोल तक सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मार्बल माइनिंग क्षेत्र में सापोल- केलवा की सड़क से ओवरलोडिंग मार्बल से भरे वाहन गुजरने से सड़क से डामर का नामोनिशान ही मिट गया हैं। केलवा से आमेट जाने वाली मुख्य सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। सरदारगढ़ क्षेत्र की जेतपुरा, सियाणा, बामन टूकड़ा की ओर जाने वाली सड़कों पर ओवरलोडिंग वाहन चलने से सड़क से डामर उखड़ कर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जेतपुर, सियाणा मार्ग पर तो स्थिति इतनी खराब हैं कि सड़क से डामर उखड़ने के बाद अंदर से निकली मिट्टी वाहनों गुजरने पर उड़ती रही हैं। उमरया से झांझर जाने वाली मुख्य सड़क पर करीब एक किमी तक तो चार से पांच फिट गहरा खड्ढा हो चुका हैं। इसी प्रकार केलवा से तलाई मादड़ी से आत्मा तक सड़क पर दिनरात भारी वाहन चलने से सड़कें टूट गई।
टूटी सड़कों का सर्वे करवाया गया
^माइनिंगक्षेत्र की सड़क पर वाहनों की संख्या भी निर्धारित नहीं है। क्षमता से अधिक भार पड़ने से सड़कें टूट जाती है। बारिश से जिलेभर में टूटी सड़कों का सर्वे करवाया गया। जिसमें 31 अगस्त तक ६६९ किमी की सड़कें टूट चुकी हैं। इससे विभाग को लगभग साढ़े 15 करोड़ का नुकसान हुआ है। सुरेंद्रबुनकर टीए, लोक निर्माण विभाग, राजसमंद
स्वीकृति से तीन गुना मार्बल का लदान
परिवहनविभाग की ओर से ट्रक एवं ट्रोलो में मार्बल लदान की स्वीकृति महज 15 से 18 टन की है। बावजूद ट्रक एवं ट्रोलो में 18 टन की बजाय 30 से 60 टन का मार्बल ब्लॉक का लदान किया जाता है। माइनिंग क्षेत्र के साथ हाइवे से गुजरने वाले ट्रक ट्रोलो में ओवरलोड की तरफ तो थाना पुलिस ध्यान देती है और ही परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है।
दुर्घटनाके बावजूद नहीं चेता विभाग : मार्बलमाइनिंग क्षेत्र में चलने वाले अधिकांश ट्रक एवं ट्रोलो के डाले ही नहीं है। ट्रक एवं ट्रोलों में क्षमता से अधिक लंबे-चौड़े मार्बल ब्लॉक का लदान किया जाता है। जो ट्रॉली से 2 से 4 फीट तक बाहर निकले होते हैं। इससे जिले में कई हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद परिवहन विभाग ने सबक नहीं लिया और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग की ओर से मार्बल माइनिंग क्षेत्र में ट्रक और ट्रोले के एक व्हील पर 8 टन के भार के मुताबिक 9 इंच गिट्टी और 4 इंच डामर की मोटी सड़क का निर्माण किया जाता हैं। लेकिन ट्रक और ट्रोलों में 50 से 60 टन मार्बल ब्लॉक का लदान किया जाता है। जिससे एक व्हील्स पर 8 टन की बजाय 15 से 20 टन वजन पड़ता है। ओवरलोड वाहनों की अधिकता की वजह से मार्बल माइनिंग क्षेत्र की सड़कों का हर महीने पेचवर्क करना लोक निर्माण विभाग के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।
राजसमंद . पुठोल से राजनगर मार्ग पर दिनभर ओवरलोडिंग वाहन गुजरते है। इससे सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सड़क से धूल के गुब्बार उड़ते है। भास्कर