Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भास्कर न्यूज | भिवाड़ी
भास्कर न्यूज | भिवाड़ी
हरमाह करीब एक हजार करोड़ का राजस्व विभिन्न माध्यमों से सरकार को देने वाले भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र को लेकर रीको अन्य विभाग गंभीर नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले प्रदूषित पानी के हरियाणा जाने का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रहा है। ऐसे में भिवाड़ी क्षेत्र की कुछ जरूरतों को पूरा करके गंदे पानी से निजात पाई जा सकती है। जिसमें मौजूदा सी ईटीपी पर तृतीय श्रेणी विकसित करने की आवश्यकता है। जिसके लिए 1. 5 करोड़ के एरिएटर लगाए जाने हैं। साथ ही इसके रखरखाव का खर्च प्रतिमाह करीब 15 लाख रुपए बढ़ जाएगा। इससे पानी कृषि के लिए उपयोगी साबित हो जाएगा। जिससे पानी की खपत स्थानीय स्तर पर ही हो जाएगी। फिलहाल भिवाड़ी में सी ईटीपी यानि संयुक्त अपशिष्ट परिशोधन संयंत्र के संचालन में 30 लाख रुपए हर माह खर्च हा़े रहे हैं। इसके अलावा सी ईटीपी बनाने में 12 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 14 साल पहले यह पंपिंग स्टेशन के रूप में शुरू किया गया था। जिसका रखरखाव रीकाे करता था। बाद में साल 2007 में इसे अपग्रेड किया गया। जिसके बाद इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भिवाड़ी मेन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन काे दी गई। जनवरी 2015 में इसके रखरखाव के लिए भिवाड़ी जल प्रदूषण निवारण ट्रस्ट का गठन किया गया। हालांकि इसके साथ रीको ने कुछ सुविधाएं भी उपलब्ध करवाने का वादा किया। लेकिन सुविधाएं नहीं मिलने के कारण इसका विस्तार नहीं हो सका। जिसके चलते औद्योगिक इकाई संचालकों को इसका फायदा नहीं मिल पाया। साथ ही खुले में प्रदूषित पानी की समस्या का समाधान भी नहीं हो सका।
2007 में भिवाड़ी क्षेत्र में क्लोज कं ड्यूट पाइप लाइन डाला जाना तय हुआ। लेकिन करीब 9 साल बाद भी क्लोज कं ड्यूट पाइप लाइन नहीं डाली जा सकी। इसके अलावा आउटलेट भी खुशखेड़ा होते हुए साबी नदी तक भेजना तय था। लेकिन हरियाणा की ओर से विरोध के कारण आउटलेट खुशखेड़ा पर ही रोक दिया गया। बीएमए के अध्यक्ष बीबी कौशिक ने बताया कि पानी के रियूज के लिए आरओ सिस्टम लगाया जाना चाहिए। इसके लिए कई बार मांग की जा चुकी है। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही।