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श्रीजी की पारंपरिक डोल यात्रा में उमड़ेंगे श्रद्धालु
डिग्गीमें जलझूलनी एकादशी का मेला मंगलवार को भरेगा मेले में बडी संख्या में किसान वर्ग आस पास गांवों के लोए एकित्रत होंगे। इस अवसर पर शाम को करीब पांच बजे श्रीजी की एतिहासिक डोलयात्रा कल्याणजी मंदिर से रवाना होगी।
डोलयात्रा में डिग्गी कस्बे के अनेक मंदिरों के डोले भी शामिल होंगे। बैंडबाजों के साथ डोलयात्रा परंपरानुसार पहले श्रवण सागर तालाब जााएगी जहां से वापस मंिदर होती हुई चौपड चौराहे बाजार होकर विजय सागर तालाब पहुंचेगी। विजय सागर तालाब की पाल पर पूजा अर्चना प्रसादी वितरण तथा आरती की जाएगी यहां श्रीजी के डोले को नाव में बैठा कर विहार कराया जाएगा इसीलिए कहा जाता है नावां में बैठ्यों डोले म्हारा डिग्गीपुरी का राजा --। जलझूलनी एकादशी मेले के अवसर पर डिग्गी में सरकार के पर्यटन कला विभाग की ओर से स्थानीय संगठनों के सहयोग से सुबह से शाम तक डिग्गी गढ परिसर में रंगारंग राजस्थानी लोककला के कार्यक्रम वाद्ययंत्रों की वादन प्रतियोगिता तथा तीन से चल रही खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर रात को गढ के रंगमंच पर रासलीला का आयोजन होगा इस कार्यक्रम में मुख्यअतिथी टोंक जिला प्रभारी स्वायत्तशासन मंत्री राजपाल सिंह होंगे। पुलिस महानिरिक्षक अजमेर का भी डिग्गी आने का कार्यक्रम बताया गया है।
शमशानकी राह हुई दुर्गम (पीपलू) : बीजवाड़गांव में शमशान घाट की राह दुर्गम है। अंतिम संस्कार के दौरान भी काफी परेशानियों का समाना करना पड़ता है। ग्रामीण राजाराम मीणा ने बताया कि शमशान घाट गांव से एक किमी दूर मालूणी की ओर जाने वाले रास्ते पर है। पूरे रास्ते में जगह जगह कीचड़, कांटे हो रखे हैं।