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बजरी माफिया ने कोठारी नदी में बनाए 40 साल पुराने रास्ते को भी खोद दिया

5 वर्ष पहले
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आरजिया गांव के पास कोठारी नदी में 40 साल पहले 11 गांवों के लोगों की सुविधा के लिए ग्रेवल सड़क बनाई गई। जिसे बजरी माफिया ने खोद दिया। रोक के बावजूद यहां बजरी दोहन हो रहा है। सड़क को नुकसान पहुंचाने से लोग परेशान हो रहे हैं। बच्चों को स्कूल पहुंचने में दिक्कत हो रही है। बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से लोगों में आक्रोश है।

सरपंच बाबू लाल धोबी ने बताया कि बजरी माफिया देर रात ग्रुप बनाकर आते हैं। ऐसे में इन लोगों को बजरी खनन से रोकने पर ये झगड़ा करने लगते हैं।

पंचायत ने इस मार्ग पर दो से तीन बार ग्रेवल भी डलवाया। यह बजरी माफियाओं ने खुर्द-बुर्द कर दी। रोक के बावजूद नदी क्षेत्र में रोजाना 200 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉली बजरी लेने आते हैं। सड़क खुर्द-बुर्द करने व बजरी खनन को लेकर अब थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।

मेजा बांध की पाल से लेकर माली खेड़ा की सीमा क्षेत्र स्थित कोठारी नदी तक बजरी दोहन पर लंबे समय से रोक है। इसके बावजूद बजरी निकाली जा रही है।

सुरास के सत्यनारायण बैरवा ने 28 जनवरी को रिपोर्ट मांडल थाने में दी थी। जिसमें बताया कि सुरास क्षेत्र में नदी की तरफ स्थित श्मशान घाट की तरफ से रेत माफिया अवैध रूप से रेत भर कर ले जाते हैं। उसके खेत में होकर गुजरते हैं। जिससे पाइप लाइन टूट गई। सत्यनारायण ने बताया कि 28 जनवरी को रिपोर्ट देने के बावजूद 1 फरवरी की रात रेत माफिया फिर पहुंच गए। एक बार फिर उसके पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया। विरोध किया तो धमका कर भगा दिया।

मांडल . आरजिया स्थित स्कूल के सीधे संपर्क मार्ग को रेत माफिया ने किया खुर्द-बुर्द।

जहां भी बजरी दोहन हो रहा है वहां पता कराएंगे। बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -नवीन अजमेरा, एएमई खनिज विभाग भीलवाड़ा

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