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स्वस्थ प्रजनन के लिए पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा
पिलानी | इंडियनसोसायटी फॉर स्टडी ऑफ रिप्रोडक्शन एंड फर्टिलिटी (आईएसएसआरएफ) के तत्वावधान में बिरला बालिका विद्यापीठ में चल रही स्वस्थ प्रजनन तंत्र सजगता विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार का रविवार शाम को समापन हुआ।
वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में स्वस्थ प्रजनन प्रक्रिया के लिए हमें शुद्ध स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के प्रयास करने होंगे। क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण, खानपान रहन-सहन की शैली से ही प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ रहा है।
दूषित वातावरण, फास्ट-फूड पेय-पदार्थ रहन-सहन की शैली प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हुए बीमारियों को बढ़ा रही है। सेमीनार के अंतिम सत्र में दिल्ली की डॉ. रीटा सिंह ने अन्त:स्रावी ग्रंथियों का प्रजनन पर प्रभाव, जयपुर के डॉ. एनके लोहिया ने बांझपन के प्रकार उपाय, भोपाल के डॉ. पीके मिश्रा ने प्रजनन क्षमता के बारे में विचार व्यक्त किए। इस मौके पर वक्ताओं ने स्टूडेंट्स की शंकाओं जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए। प्राचार्या डॉ. एम कस्तूरी ने मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। दो दिन चली सेमिनार में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् शामिल हुए।