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कार्रवाई के बाद भी नहीं थम रहा बजरी का अवैध खनन
कोटामार्ग पर घानाहेड़ा के पास कालीसिंध नदी से बजरी का अवैध खनन रुक नहीं रहा है। प्रशासन और खनिज विभाग ने कई बार चालान बनाए। नदी तक जाने के रास्ते पर खाई खुदवाई, इसके बाद भी अवैध खननकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। इससे राज्य सरकार के राजस्व का भी चूना लग रहा है।
बजरी के अवैध खनन का गोरखधंधा पिछले दो-तीन वर्ष से चल रहा है। पहले इस नदी से बजरी निकासी टेंडर के माध्यम से होती थी। संबंधित ठेकेदार रवन्ना रॉयल्टी की पर्चियां बनाने के पुख्ता इंतजाम करते थे। बाद में मामला अदालत में चला गया। खनिज विभाग रामगंजमंडी के सहायक अभियंता कार्यालय की टोली ने कई बार कार्रवाई की। ट्रॉलियां पकड़कर जुर्माना वसूला। कुछ दिन के बाद अवैध निकासी फिर शुरू हो गई।
^कालीसिंधनदी के सांगोद सीमा से बंजरी निकासी पर पूरी तरह रोक लगाई हुई है। एक दो बार मौके पर जाकर चेकिंग भी की जाती है। सांगोद सीमा के अलावा अन्य जगह से बजरी निकाली जा रही हो, तो ये मुझे पता नहीं है। -भारतसिंह,एसएचओ, सांगोद