(L-R) कपिल शर्मा, युवराज सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू।
खेल डेस्क. युवराज सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। क्रिकेट वर्ल्ड उन्हें सिक्सर किंग के नाम से बुलाता है। बुलाए भी क्यों नहीं, छह गेंदों में छह छक्के जो लगा चुके हैं। क्या आप यह जानते हैं कि इसी युवराज सिंह को अपने समय के धुंआधार बल्लेबाज रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने नाकाबिल बताकर ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था? जी हां, यह सही है।
यह खबर हम गोल्डन मेमोरी के तहत आप तक पहुंचा रहे हैं। पिछली बार आपने सचिन द्वारा वेलेंटाइन डे पर पत्नी डॉक्टर अंजलि को दिए गए गिफ्ट के बारे में पढ़ा था।
युवराज को भेजा सिद्धू के पास
दरअसल, युवराज के पिता चाहते थे कि युवराज सिंह को क्रिकेट की ट्रेनिंग नवजोत सिंह सिद्धू दें। इसी क्रम में पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने अपने बेटे युवराज सिंह को नवजोत सिंह सिद्धू के पास क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए पटियाला भेजा।
सिद्धू ने योगराज से कहा- कोई टैलेंट नहीं है
युवराज को भेजने के एक हफ्ते बाद सिद्धू ने योगराज को फोन किया और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनका बेटा क्रिकेटर बन सकता है। उसमें कोई टैलेंट नहीं है। यह सुनकर योगराज सिंह स्तब्ध रह गए। इसके बाद निराश युवराज सिंह वापस लौट आए।
योगराज ने क्रिकेटर बनाने खुद उठाया जिम्मा
अपने पुराने साथी नवजोत सिंह सिद्धू से बेटे के बारे में टैलेंट नहीं होने की बात योगराज के गले नहीं उतर रही थी। तिलमिलाए पिता योगराज सिंह ने खुद बेटे युवी को क्रिकेट का ककहरा सिखाने का निश्चय किया। उनकी ट्रेनिंग और युवराज का टैलेंट तो सभी देख ही चुके हैं। युवी के कई रिकॉर्ड तो ऐसे हैं, जहां तक पहुंच पाना किसी आम क्रिकेटर के लिए आसान नहीं है।
तेंडुलकर को कहते हैं 'ग्रैंडफादर'
13 सालकी उम्र में क्रिकेट करियर शुरू करने वाले युवराज सचिन तेंडुलकर को 'ग्रैंडफादर' कहकर बुलाते थे। अभी हाल ही में क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर आयोजित एक फ्रेंडली मुकाबले के दौरान आउट होने के बाद वे सचिन के पांव भी छुए थे।
आगे क्लिक कर देखें, चुनिंदा तस्वीरें और रोचक रिकॉर्ड