सॉफ्टवेयर हैक कर दिलवाते थे RRB का ऑनलाइन पेपर, कुछ ऐसे देते थे अंजाम

7 वर्ष पहले
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आगरा. पुलिस ने रेलवे भर्ती के ऑनलाइन परीक्षा में सॉफ्टवेयर हैक कर पेपर सॉल्‍व करने वाले गिरोह को पकड़ा है। 6 लोगों के इस गैंग से 120 एडमिट कार्ड, कई मोबाइल, दो लग्‍जरी गाड़ी, एक लाख रुपए कैश जब्‍त किए गए हैं। बता दें, रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) 18 हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा करा रहा है।


पहले से कंप्‍यूटर में फिट कर देते थे ऑनसर
- एसटीएफ ने गिरोह के सरगना राहुल गोस्वामी को हिरासत में ले लिया है, पूछताछ में उसने बडा खुलासा किया।
- उसने बताया, गैंग ने पेपर के सॉफ्टवेयर को हैक कर लिया था।
- पेपर में फर्जी अभ्‍यर्थी बैठाकर ऑनलाइन लैपटॉप सिस्‍टम से मूल अभ्‍यर्थी के कंप्‍यूटर को हैक कर पेपर दिलवाया जाता था।
- सॉफ्टवेयर के माध्यम से गैंग के सदस्य सही ऑनसर दर्ज करा देते थे और परीक्षार्थी को ऑनलाइन परीक्षा देते समय अपनी तरफ से कोई जवाब नहीं देना पड़ता था।
- परीक्षार्थियों से पास कराने के लिए गैंग 3 से 4 लाख में सौदेबाजी करता था।
सॉफ्टवेयर को कैसे किया हैक?
- रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) ने परीक्षा संपन्‍न कराने के लिए एक सॉफ्टवेयर कंपनी से कांट्रैक्‍टर किया है।
- कंपनी RRB द्वारा चयनित परीक्षा केंद्रों पर अपना प्रतिनिधि भेजती है और डेटा सेंटर से परीक्षा के तय समय से कुछ देर पहले कंप्‍यूटर में प्रश्‍न पत्र लोड कर देती है।
- बायोमेट्रिक्‍स पर आधारित पहचान प्रक्रिया के अनुसार परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया जाता है।
- गैंग परीक्षा केंद्र की मिलीभगत से अपने परीक्षार्थियों के कंप्‍यूटर पर AMMYY सॉफ्टवेयर इंस्‍टॉल कर देते हैं।
- परीक्षा के दौरान इंटरनेट ऑन करके गैंग अपने लैपटॉप को परीक्षार्थी के कंप्‍यूटर से कनेक्‍ट कर देता था।
- इसके बाद दूर बैठे सॉल्‍वर को लैपटॉप में परीक्षार्थी के कंप्‍यूटर की स्‍क्रीन दिखने लगती थी। सॉल्‍वर बाहर से बैठकर परीक्षार्थी की जगह पेपर सॉल्‍व कर देता था।
परीक्षार्थी की तरह दिखने वाले से दिलवाते थे पेपर
- गैंग ने परीक्षा दिलवाने के लिए अन्‍य तरीका भी अपना रखा था।
- परीक्षा केंद्र के संचालक के साथ मिलकर बायोमेट्रिक्‍स पहचान होने पर सही अभ्‍यर्थी की जगह पर उसके हुलिया से मिलता जुलता उसी के कपड़े पहनाकर सॉल्‍वर को कंप्‍यूटर के सामने बैठा दिया जाता था।
- तब तक असली परीक्षार्थी को कमरे में छिपाकर रखा जाता था। इस काम के लिए हर परीक्षार्थी से 6 से 7 लाख रुपए वसूले गए थे।
- एएसपी विनीत जायसवाल ने बताया, गिरफ्तार साल्वर राजस्थान के हैं। सरगना जितेंद्र कंप्यूटर और मोबाइल का मास्टर है।

आगे की स्‍लाइड्स में देखिए पकड़ा गया सॉक्‍टवेयर हैक करने वाले गैंग की फोटोज...