लखनऊ. देश में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि की तरफ से मेगा सिटी में 50 मेगा स्टोर खोले जाएंगे। इनमें एक मेगा स्टोर का औपचारिक तौर पर उद्घाटन शुक्रवार को योगगुरु बाबा रामदेव ने राजधानी लखनऊ में किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे उनका मकसद मॉर्डन ट्रेड की दुनिया में स्वदेशी उत्पादों को गौरव दिलाना है, ताकि देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों से होने वाली आय का एक हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए पूरे देश में 500 आचार्यपुरम की स्थापना की जाएगी।
बाबा रामदेव ने कहा कि वर्तमान में पतंजलि की तरफ से छोटे-बड़े 800 प्रोडक्ट का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश में इस समय पतंजलि के 5000 बड़े और 10 हजार छोटे स्टोर हैं। अब स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि की तरफ से मेगा सिटी में मेगा स्टोर खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि विदेशी कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए विश्वास की जरूरत होती है, लेकिन स्वदेशी उत्पाद देश में पहचान के मोहताज नहीं है। पतंजलि के उत्पाद लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं। योगगुरु ने कहा कि साल 2016 तक पांच और यूनिट की स्थापना की जाएगी, ताकि मांग के अनुसार शहरों और गांवों तक विकेंद्रीकृत व्यवस्था के मुताबिक, उत्पादों की पूर्ति की जा सके।
आटा नूडल्स की मांग 300 से 800 टन, उत्पादन 100 टन
योगगुरु ने बताया कि देश में आटा नूडल्स की मांग 300 से 800 टन के बीच है, जबकि मांग के मुकाबले केवल 100 टन का ही उत्पादन हो रहा है। साल 2016 तक 300 से 500 टन के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि पतंजलि गाय के घी की डिमांड 200 टन के आसपास है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2015 के अंत तक बच्चों के लिए गाय के दुध का पाउडर और पावर बीटा पतंजलि की तरफ से बाजार में लाया जाएगा।
पांच साल के अंदर देश का बड़ा ब्रांड होगा पतंजलि
बाबा रामदेव ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने के लिए पतंजलि की तरफ से मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश से लेकर यूपी, हरियाणा, दिल्ली, असम, उड़ीसा में यूनिट की स्थापना किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पांच साल के अंदर यह देश में बड़ा ब्रांड के रूप में सभी के सामने होगा। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए यूरिया रहित प्रोडक्ट तहसील स्तर पर उतारे जाएंगे। इसमें करीब 100 से 150 करोड़ रुपए के खर्च होने की संभावना है।
वेंटिलेटर पर है खादी
उन्होंने कहा कि देश में 200 साल से स्वदेशी आंदोलन चल रहा है, लेकिन अभी तक इसे जमीन पर उतारा नहीं जा सका था। पतंजलि की तरफ से स्वदेशी उत्पादों का निर्माण कर इसे मूर्त रूप देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में खादी सब्सिडी के वेंटिलेटर पर चल रही है।
बच्चों के लिए पूरे देश में खुलेंगे 500 आचार्यपुरम
उन्होंने बताया कि स्वदेशी उत्पादों से होने वाली आय का एक हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए पतंजलि की तरफ से पूरे देश में 500 आचार्यपुरम खोले जाएंगे, जहां पर भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 2016 तक लखनऊ में भी एक आचार्यपुरम होगा। इसके लिए 10 एकड़ की जमीन अग्रवाल बंधु की तरफ से उपलब्ध कराई गई है।