2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है दान उत्सव, 2009 में हुई थी शुरुआत

6 वर्ष पहले
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लखनऊ. राजधानी के गोमती नगर स्थित होटल रेनेसा में सोमवार को 'दान उत्सव' प्रोग्राम का शुभारम्भ हुआ। इसमें 100 साल की उम्र की समाज सेविका हामीदा हबीबुल्लाह ने खास तौर पर शिरकत की। इन्होंने कहा, ''जो सुख दूसरों को कुछ देकर उसे खुशी देने में है वो खुद के पाने में नहीं। क्योंकि जब हम किसी को कोई चीज देते है तो सामने वाले के चेहरे पर एक अलग तरह के खुशी के भाव होते हैं। इसलिए लोगों को चाहिए कि वो खुद तो दान करें ही साथ में दूसरों को भी इस काम के लिए प्रेरित करें। समाज सेवी रूप रेखा वर्मा ने कही ये बातें...
 
 
- राज्य और जनता के बीच सामन्तवादी रिलेशनशिप बनी हुई है।
- इंडिया में पारिवारिक स्ट्रक्चर ठीक नहीं है।
- गांवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी जेंडर को लेकर बायसनेस की घटनाएं हो रही है।
- निजामी सल्तनत के खत्म होने के बाद भी लखनऊ के लोगों में अक्खड़पन खत्म नहीं हुआ है।
- बाजारवादी सक्सेस को पाने के लिए हम उसके पीछे भागते है लेकिन उसके मानदंडों को कभी पूरा नहीं करते है।
 
क्या है दान उत्सव ?
- इंटरप्रेन्योर और ‘दान उत्सव’ प्रोग्राम की संचालिका ज्योत्सना कौर हबीबुल्लाह ने बताया, हर साल महात्मा गांधी की जयंती के दिन से एक हफ्ते तक 'दान उत्सव’ पूरे भारत में मनाया जाता है।''
- ''दान देने की परंपरा हमारे देश में प्राचीन काल से है, लेकिन इसे एक उत्सव की शक्ल पहली बार 2009 में दी गई थी। इसकी शुरूआत वेंकट, आरती और राजन नाम के तीन लोगों ने मिलकर की थी।''
- ''इसके पीछे उनकी मंशा जरुरतमदों की मदद करना थी। आज पूरे भारत के लगभग 150 शहरों में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक इसे बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।'' 
 
7 दिन 7 अलग- अलग गांवों में दान उत्सव
- 'स्वतंत्र तालीम' एनजीओ के फाउंडर राहुल अग्रवाल ने बताया, ''दान उत्सव के तहत शहर और इससे सटे 7 अलग-अलग गांवों में 7 दिनों तक अलग-अलग तरह के डोनेशन प्रोग्राम चलाए जाएंगे।''
- ''इससे बच्चों को ड्रेस और बुक डिस्ट्रीब्यूट करना, डांस की ट्रेनिंग देना, पेंटिंग्स बनाना सिखाना, गांवों में मेडिकल कैम्प लगाना और स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति सोसायटी में अवयेरनेस क्रियेट करने का काम शामिल है।''
- ''इस तरह के आयोजनों में ‘टीम विद ए ड्रीम की संचालक वाणी जुनेजा’, 'लिव एनजीओ की संचालक अनुश्री चतुर्वेदी' ‘स्वत्रंत्र तालीम एनजीओ के संचालक राहुल अग्रवाल’, ‘गूंज एनजीओ की संचालक मितिका और विकास’, मेक माय सहित कई एनजीओ, स्कूल स्टूडेंट और वालंटियर्स हमारी मदद करेंगे।