लखनऊ. राजधानी में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक आयोजित हो रही है। इसमें चार राज्यों के सीएम एक छत के नीचे इकट्ठा हुए हैं। इसमें सीएम अखिलेश यादव के अलावा एमपी, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के सीएम हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ की अध्यक्षता में वे अंतरराज्यीय मसलों को सुलझा रहे हैं। बैठक में यूपी-उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे पर चर्चा हुई है। कुछ मुद्दों को लेकर एमओयू भी साइन किए गए हैं।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की यह 20वीं बैठक है। करीब 22 साल बाद लखनऊ को इस बैठक की मेजबानी मिली है। चार राज्यों वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम अखिलेश यादव, मध्य प्रदेश के सीएम
शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत और छतीसगढ़ के सीएम रमन सिंह शामिल है। इस दौरान गृहमंत्री और मध्य क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं।
बैठक में निकलेंगे सकारात्मक नतीजे
इस दौरान अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नक्सलवाद, विकास के मुद्दों, इंफ्रास्ट्रक्चर, पुलिस मॉर्डनाइजेशन सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। वहीं, यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि कमिटी ने सभी राज्यों के मसलों पर विस्तार से चर्चा करने के बाद बैठक का एजेंडा तय किया है। इस बैठक में सभी राज्यों के सीएम के साथ विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं।
केंद्र से करेंगे एंटी नक्सल ऑपरेशन का खर्च उठाने की मांग
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक के दौरान नक्सल समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़, एमपी और यूपी केंद्र सरकार से एंटी नक्सल ऑपरेशन का खर्च उठाने की मांग कर सकते हैं। इसकी पहल छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह करेंगे। इसके तहत सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ के जवानों तो तैनात करने और उनके लिए जुटाए जाने वाले संसाधनों का खर्च केंद्र सरकार से उठाने की मांग की जाएगी। रमन सिंह सरकार का मानना है कि नकसली समस्या एक राष्ट्रीय स्तर की समस्या है। इसे केंद्र सरकार के सहयोग से ही निपटा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि इस ऑपरेशन पर होने वाले खर्च को केंद्र सरकार वहन करे।
आगे पढ़िए, छत्तीसगढ़ सरकार पर बकाया है 3200 करोड़ रुपए...