लखनऊ. लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) ने सोमवार को अपना 57वां दीक्षांत समारोह मनाया। इसकी अध्यक्षता राज्यपाल राम नाइक ने की, जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि समारोह में पहुंचे। गृहमंत्री राजनाथ, राज्यपाल नाइक और वीसी एसबी निम्से ने मेधावियों को मेडल और डिग्रियां दी। समारोह में एलयू की टॉपर और एमएससी मैथमेटिक्स की छात्रा स्वाति सिंह को 11 मेडल मिले। इनमें 11 गोल्ड और नकद अवार्ड शामिल है। दीक्षांत समारोह में 192 मेडल दिए जाने थे, लेकिन समय की कमी को देखते हुए सोमवार को कुल 32 टॉपरों को मेडल दिया गया। मंगलवार को बाकी मेडल दिए जाएंगे।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने वाले इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को मानद उपाधि दी गई। इस दौरान राजनाथ ने कहा कि पृथ्वी की आयु को लेकर वैज्ञानिकों में आए दिन बहस चल रही है, इसका मूल्यांकन हमारे धर्मशास्त्रों में सैकडों वर्ष पहले किया जा चुका है। विदेशी वैज्ञानिक भी हमारा लोहा मान चुके हैं। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु बनाने की दिशा में अपना योगदान दें।
शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा जरूरी
दीक्षांत समारोह में शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए डॉ. राजनाथ ने कहा कि शून्य से लेकर पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम की पहचान भारत ने ही कराई है। उन्होंने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि झुकने से कोई छोटा नहीं होता। इसलिए विनम्र बनें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा अर्थात संस्कार जरूरी है। जीवन के मूल्यों को समझने की कोशिश करेंगे, तो आपका और समाज का विकास होगा।
दुनिया के श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में शामिल हो एलयू
कुलाधिपति राज्यपाल राम नाइक ने दीक्षांत समारोह में एलयू के इतिहास पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के छात्र-छात्राओं ने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी नाम रोशन किया है। इसके बावजूद दुनिया के 200 विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालय शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि छह साल बाद इस संस्थान के 100 साल पूरे हो जाएंगे। इसलिए वह चाहते हैं कि इन सालों में एलयू दुनिया के 200 यूनिवर्सिटी में शुमार हो। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में कुल 32 मेधावियों को मेडल मिला है। इसमें 22 छात्राएं हैं। इसलिए लड़कों को इस बारे मे ध्यान देने की जरूरत है।
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