दिल्ली. डॉ. मालविका अय्यर एक इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर, डिसेबल्ड के हक के लिए लड़ने वाली एक्टिविस्ट, सोशल वर्क में पीएचडी के साथ फैशन मॉडल के तौर पर जानी जाती हैं। वह एक ऐसे हादसे से गुजर चुकी है, जिससे उभर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं है लेकिन मालविका ने उस हादसे को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 8 मार्च को इंटरनेशनल वुमन्स डे के मौके पर उन्हें राष्ट्रपति भवन में 'नारी शक्ति' राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। मालविका ने Dainikbhaskar.com से बात की और अपनी अनटोल्ड स्टोरी को बयां किया।
- डॉ. मालविका (29) बताती है, “मेरा जन्म तमिलनाडू के कुम्बाकोनम में हुआ था। पिता बी. कृष्णन वाटर वर्क्स डिपार्टमेंट में इंजीनियर और मां हेमा कृष्णन हाउस वाइफ थी।
- घर में हम दो बहनें थी। मेरी बहन कादम्बरी अय्यर मुझसें बड़ी है। पिता गवर्नमेंट जॉब में थे। इसलिए उनका ट्रांसफर होता रहता था। पहले उनकी पोस्टिंग राजस्थान के बीकानेर शहर में थी। लेकिन बाद में उनका ट्रांसफर हो गया।
- मैं, मेरी बड़ी बहन और मां तीनों पापा के ट्रांसफर के बाद भी वहीं पर रूक गये। पापा छुट्टी में हम लोगों से मिलने के लिए बीच में आते रहते थे। हम दोनों बहनों का बचपन बीकानेर में काफी अच्छे से बीता था”।
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