नई दिल्ली. राजधानी को हरा-भरा बनाने के लिए स्थानीय जनता ने कमर कस ली है। पर्यावरण के प्रति लोगों का रुझान बढ़े इसके लिए पेड़ों की गणना की जा रही है। आम जनता के साथ स्कूली बच्चे इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। आरडब्ल्यूए जैसी संस्था की देख-रेख में दिल्ली की कई कॉलोनियों में गणना का काम भी शुरू हो चुका है। गणना पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी जाएगी।
दिल्ली में पेड़ों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चला रहीं ‘कंपैशनेट लिविंग इंडिया’ की संस्थापक
पद्मावती द्विवेदी कहती हैं कि इस अभियान से पेड़ों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके प्रति लोगों के मन में सकारात्मक भाव भी पैदा होता है। सरकार को भी इस तरह के कार्य को बढ़ावा देना चाहिए।
छह कालोनियों में हो रही गणना : राजधानी की छह कॉलोनियों में पेड़ों की गणना शुरू हो चुका है। इनमें सर्वोदय एंक्लेव, बसंत विहार, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, गुलमोहर पार्क, ग्रेटर कैलाश टू और मयूर विहार फेज 2 शामिल है। सर्वोदय एक्लेव और बसंत विहार में पेड़ों की गणना भी पूरी हो गई है, जल्द ही रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
गणना में ये बिंदु हैं शामिल
पेड़ों की गिनती, उनकी मोटाई, लंबाई, स्वास्थ्य और पेड़ों की जड़ सीमेंट मुक्त है या नहीं। पेड़ में कोई बीमारी तो नहीं है, पत्तियों में कीड़े तो नहीं लगे हैं।
बसंत विहार में 9000 में 450 पेड़ बीमार
बसंत विहार के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सुरेश गोयल बताते हैं कि हमारे यहां मार्केट, सड़क और घरों के सामने लगे पेड़ों की गणना की गई है। यहां 9000 पेड़ों में से 5 फीसदी पेड़ बीमार हैं। जल्द ही रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि बीमार पेड़ों को बचाने के लिए और लोगों को जागरुक करने के लिए सरकार की तरफ से भी कोई सार्थक पहल हो सके।