दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति में स्टाफ और संयंत्रों का अभाव, घिरे पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन

6 वर्ष पहले
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नई दिल्ली. राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए गठित प्रमुख संस्था दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति स्टाफ और संयंत्रों की भारी कमी से जूझ रही है। इस वजह से प्रदूषण की ठीक ढंग से रोकथाम नहीं हो पा रही है। बुधवार को विधानसभा शुरू होते ही सदन में यह मामला उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पर्यावरण मंत्री से अब तक की गई कुल कार्रवाई का जवाब मांगा। वहीं पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने सवालों पर घिर गए और ठीक से जवाब नहीं दे पाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन को खड़ा होना पड़ा। 

प्रश्नकाल के दौरान विजेंद्र गुप्ता ने पर्यावरण मंत्री से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर छह सवाल किए। लेकिन इनमें से पांच सवालों के मामले में पर्यावरण मंत्री ने मात्र जी नहीं का जवाब दिया। इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीपीसीसी प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह लाचार और निष्क्रिय है। उसके पास न स्टाफ है और न ही संयंत्र। समिति में वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व फील्ड स्टाफ की भारी कमी है। इस कारण समिति अपना काम करने में अक्षम है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्री सदन को यह नहीं बता सके कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार की क्या नीति है। 

हुसैन ने कहा कि अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले 11585 वाहनों का चालान किया गया। इसके अलावा 6962 ऐसे वाहनों का चालान हुआ, जिनके पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं था। साथ ही ओवर लोडिंग के मामले में 1220 वाहनों का चालान किया गया। सदन में नाराजगी जताते हुए हुसैन ने कहा कि प्रदूषण पर नजर रखने के लिए हर 15 दिन पर समीक्षा बैठक होती है, लेकिन इस बैठक में डीडीए अधिकारी नहीं आते हैं।
 
 
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