नयी दिल्ली. सांसों के स्वरों को नियंत्रित करने का योग है अनुलोम-विलोम। 21 जून को पूरी दुनिया में योग होना है। इस मुद्दे पर विवाद के स्वर चल रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विलोम स्वर में है। तर्क है- सूर्य नमस्कार और प्राणायाम इस्लाम में हराम हैं। सरकार के स्वर अनुलोम हैं। आयुष मंत्री श्रीपद नायक कह चुके हैं -मुस्लिम चाहें तो योग के दौरान श्लोक की जगह अल्लाह बोल सकते हैं। स्वरों के इसी उतार-चढ़ाव के बीच रविवार को बाबा रामदेव और ऑल इंडिया इमाम एसो. के महासचिव मुफ्ती शमून कासमी एक मंच पर आए। अनुलोम-विलोम किया। कासमी बोले-‘ओम’ के साथ भी योग करने में कोई दिक्कत नहीं है।
राजधानी में रविवार सुबह हल्की बारिश हो रही थी लेकिन बारिश के बावजूद पतंजलि योगपीठ के इस कार्यक्रम में 5,200 शिक्षकों और बच्चों सहित अन्य लोगों की मौजूदगी में आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार 35 मिनट लंबा ‘साझा योग प्रोटोकॉल’ का अभ्यास किया गया। रामदेव के प्रवक्ता एस जे तिजारवाला ने बताया कि अभ्यास योग कार्यक्रम में उन सभी लोगों ने शिरकत की जो योग दिवस पर राजपथ पर मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
रामदेव ने लोगों को स्वस्थ रहने और उन्हें दवा से मुक्त रखने में मदद करने वाले कई योग आसन करके दिखाए। कार्यक्रम में इमामों के एक संगठन के महासचिव मुफ्ती शाहमून कासमी सहित अन्य लोग भी शामिल हुए। अपनी योग क्लास के बाद रामदेव ने ट्विटर पर कहा कि, पूरी दुनिया को सुबह उठना चाहिए और दवा मुक्त स्वस्थ जिंदगी के लिए योग करना चाहिए।
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