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जानिए... रिपोर्टर कैसे करते हैं स्टिंग ऑपरेशन

10 वर्ष पहले
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रायपुर। अखबार या टीवी के रिपोर्टर किस तरह स्टिंग ऑपरेशन कर भ्रष्टाचार का खुलासा करते हैं। किस तरह योजना तैयार करते है। कैसी सावधानी बरतते हैं। ऑपरेशन में कैसे और किस तरह इंस्टूमेंट का उपयोग करते हैं। आप भी भ्रष्ट लोगों को बेनकाब कर सकते हैं, बता रहे हैं दैनिक भास्कर के डीबी स्टार रिपोर्टर दिलीप जायसवाल।
कहीं राशन कार्ड बनवाना हो, बिजली का बिल अधिक आ जाने पर उसे कम करवाना हो या फिर जन्म म़ृत्यू प्रमाण पत्र बनवाना हो। यहां बैठे कर्मचारी हमें कुछ पैसों के लिए टेबल दर टेबल इतना भटकाते हैं कि हम रिश्वत देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
अगर आपको लगता है कि संबंधित अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेने के चक्कर में आपको भटका रहा है तो आप उससे ऐसे बात करें जैसे आपको हर हाल में काम करवाना ही है। उसे ऐसा लगे कि आप उसकी हर बात आप मान लेंगे। उसे भरोसे में लें।
जब वह पैसे की मांग करे तो उसे मौन स्वीकृति दें या कह दें कि ठीक है कुछ दिन में पैसे का इंतजाम करने के बाद संपर्क करेंगे। उसका मोबाइल नंबर ले लें। इसके बाद फोन पर उससे लेन-देन के संबंध में बात कर उसे रिकार्ड करें। सावधानी रखें कि आप कम बोलें उसे ज्यादा खुलासे करने दें।
इसके बाद अधिकारी-कर्मचारी आपसे दफ्तर में या कहीं बाहर पैसा लेने की बात करता है। इसके तय हो जाने के बाद आप तय करें कि आपको उसे रिश्वत लेते हुए किस तरह रिकार्ड करना है और कौन से उपकरण उपयोग में लाने हैं।
अगर वह दफ्तर में ही पैसा लेने को तैयार है तो आप एक बार यह तय कर लें कि वहां लाईट कितनी रहती है। पर्याप्त लाईट होने पर मोबाइल फोन से भी उसे रिश्वत लेते हुए रिकार्ड कर सकते हैं। हां लेकिन मोबाइल का कैमरा कम से कम 5 मेगा पिक्सल का हो तो बेहतर है।
किसी दोस्त या परिचित को पूरे घटनाक्रम के बारे में बता कर साथ ले जा सकते हैं। उसे आप मोबाइल पकड़ा दें और वह उसे इस तरह पकड़े जिससे पैसे लेते हुए का फुटेज रिकार्ड हो जाए। रिकार्ड करते समय मोबाइल हाथ में इस तरह पकड़े जिससे रिश्वत लेने वाले को शंका न हो।
कोशिश करें रिश्वत किसी शोर-गूल वाले जगह में न दें। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां आप आवाज को सही तरीके से रिकार्ड नहीं कर पाएंगें।
आप चश्मे वाले, रिंग, पेन के अलावा कॉलर में लगाने वाले स्पाई कैमरे का भी उपयोग कर सकते हैं। जब भी आप इनका उपयोग करें तो समय और परिस्थिति का ख्याल रखें। क्योंकि ये उपकरण सभी जगह उपयोग करने के लायक नहीं होते।
रिकार्ड के बाद सावधानी रखें कि वीडियो सही तरीके से सेव हो जाए। कम्युटर या फिर किसी दूसरे डिवाइस में सेव होने पर करप्ट न हो। वीडियो फुटेज कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों के अलावा मीडिया को भी दे सकते हैं।
अगर रिकार्ड करते समय सामने वाले को शक हो जाए तो बहाने बनाकर यह कहें कि अभी तो बस बात करने आए थे या फिर दूसरे फोन को कान में लगाकर बात करना शुरू कर दें और बोलें कि कुछ देर में आ रहे हैं।
इसके बाद जो भी गलती आपने पहली बार स्टिंग में किया उसे दूर करने की कोशिश करें। आप उसे रिकार्ड कर पाएंगें। कुल मिलाकर स्टिंग करना हाथ की सप्लाई और सही योजना का प्रतिफल है।