पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2016-17 की बजट परीक्षा में डिस्टिंक्शन अंकों के साथ पास हुए। बजट में गांव, गरीब और छोटे कर दाताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस ग्राममुखी बजट में सभी वर्गों के हित की चिंता की गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछड़े राज्यों को आर्थिक पैकेज देने पर भी अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है। जेटली ने बजट भाषण में कहा है कि हमारी सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेजों से उभरी वित्तीय आवश्यकताओं और राज्यों के पुनर्गठन से उत्पन्न वचनवद्धताओं का पालन किया जाएगा। बजट में की गई घोषणाओं का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को मिलेगा।
मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री ने हर परिवार को 1 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, डेढ़ करोड़ बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन और तीन साल में 6 करोड़ परिवारों को कम्प्यूटर-साक्षर बनाने की घोषणा की है। देश भर में 1500 बहु कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे। गुरु गोविंद सिंह की 350 वीं जयंती के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे पटना साहिब का विकास होगा। बिहार जैसे राज्यों में ढांचागत विकास तेज करने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये दिये गए हैं, जबकि यूपीए सरकार ने इसके लिए हर साल औसतन 9 हजार करोड़ ही दिये थे।
मोदी ने कहा कि बजट में प्रत्येक स्थानीय निकाय के लिए औसतन 21 करोड़, जबकि हर पंचायत के लिए 80 करोड़ रुपये देने की घोषणा कर गांवों के विकास पर अधिक जोर दिया गया है। राष्ट्रीय उच्चपथों के लिए 55 हजार करोड़ दिये गए हैं। मुद्रा बैंक के जरिये 2.5 करोड़ लोगों को 1 लाख करोड़ के ऋण दिये गए, लेकिन अब इसके लिए 1 लाख 80 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। इन सबका सबसे ज्यादा लाभ बिहार के युवाओं को मिलेगा।