7 वर्ष पहले
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नई दिल्ली/ बेंगलुरु. साहित्य अकादमी के बाहर आज लेखकों के खिलाफ लेखक ही उतर आए। दरअसल साहित्य अकादमी के रवैए से नाराज चल रहे लेखकों ने अकादमी के खिलाफ एक मौन जुलूस निकाला। लेकिन इन्हीं के सामने ही लेखकों का एक दूसरा ग्रुप भी आ गया जो पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों का विरोध कर रहा था। इस बीच, कर्नाटक के देवेनगेरे में एक दलित लेखक पर हमले की खबर है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
क्या है विवाद ?
दरअसल कन्नड़ के मशहूर लेखक एम. एम. कलबुर्गी की हत्या और बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में अब तक कई लेखकों द्वारा साहित्यिक अवॉर्ड लौटाए जा चुके हैं। ऐसे लेखकों का कहना है कि उनका यह प्रदर्शन असामाजिक घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार के आंखें मूंदे रहने के खिलाफ उनके आक्रोश को दर्शाने के लिए है। साथ ही वे इस प्रदर्शन के जरिए साहित्यकारों पर बढ़ते हमलों की तरफ अकादमी का ध्यान खींचना चाहते हैं।
वहीं दूसरी ओर कई साहित्यकार ऐसे भी हैं जो पुरस्कार लौटा रहे लेखकों का विरोध कर रहे हैं। पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों के विरोध में हुए प्रोटेस्ट में भाग लेने आए मशहूर साहित्यकार नरेंद्र कोहली ने कहा, 'लेखक नहीं बंटे हैं बल्कि लेखकों की राजनीति ने उन्हें बांट दिया है। उन्होंने पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कश्मीर में हिंसा हुई, हिंदुओं को वहां निकाला गया या फिर जब 1984 में सिखों का कत्ले आम किया गया तब किसने अवार्ड लौटाए थे।'
साहित्य अकादमी ने की कलबुर्गी की हत्या की निंदा
कन्नड़ के मशहूर लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या और बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में अब तक कई लेखकों द्वारा साहित्यिक अवॉर्ड लौटाए जाने को देखते हुए आज साहित्य अकादमी की बैठक बुलाई गई। साहित्य अकादमी ने एक प्रस्ताव पारित कर लेखक कलबुर्गी की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसके साथ ही अकादमी ने उन लेखकों से पुरस्कार वापस लेने की अपील की जिन्होंने अवार्ड लौटा दिए हैं।
कर्नाटक में दलित लेखक एच. प्रसाद पर हमला
कर्नाटक के देवेनगेरे में एक दलित समुदाय के लेखक पर कास्ट सिस्टम के खिलाफ लिखने पर हमला किया गया है। लेखक का नाम एच. प्रसाद है। बता दें कि तीन महीने पहले कर्नाटक के ही लेखक एम.एम. कलबुर्गी पर हमला हुआ था। इस हमले में उनकी मौत हो गई थी। कलबुर्गी की हत्या का पूरे देश में तीखा विरोध हुआ था।
प्रसाद ने दर्ज कराई शिकायत
प्रसाद देवेनगेरे यूनवर्सिटी में जर्नलिज्म के स्टूडेंट हैं। उनकी एक साल पहले एक किताब रिलीज की गई थी। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। गुरुवार को उनके होस्टल में एक अनजान आदमी आया। उसने प्रसाद को बताया कि उनकी मां को हार्ट अटैक आया है और वह हॉस्पिटल में एडमिट हैं। प्रसाद उस आदमी के साथ चले गए। रास्ते में एक सुनसान इलाके में उनसे करीब 10 लोगों ने मारपीट की। प्रसाद के मुताबिक, “उन लोगों ने मुझे हिंदुओं के खिलाफ लिखने वाला बताया। उन लोगों ने चाकू निकालकर मुझे धमकाया और कहा कि वे मेरी उंगलियां काट देंगे ताकि मैं लिखने के काबिल ही नहीं रहूं।” प्रसाद के मुताबिक उन्होंने जंगल की ओर भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद प्रसाद ने पुलिस में केस दर्ज कराई।
आगे देखिए संबंधित फोटोज।
सभी फोटोज - भूपिंदर सिंह।