अंबेडकर अस्पताल की कैथलैब मशीन की खराबी शुक्रवार को दूर कर ली गई। पहले दिन 7 बच्चों के दिल का छेद बंद भी किया गया। गुरुवार को अचानक मशीन बंद हो गई थी। शुक्रवार को सुबह इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुद अफसरों से जानकारी ली। उन्होंने इसे जल्दी सुधारने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री का फोन पहुंचने से अफसर हरकत में आ गए और मशीन सुधरने तक डटे रहे। मशीन की खराबी दूर करने के बाद विशेषज्ञों ने सर्जरी शुरू कर दी और पहले दिन 7 बच्चों के दिल का छेद बंद किया। इंजीनियरों और विशेषज्ञों की टीम ने गुरुवार से ही मशीन सुधारने का प्रयास शुरू कर दिया था, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। शुक्रवार को आनन-फानन में कोलकाता से इंजीनियर बुलाए गए। इस बीच भास्कर में मशीन बंद होने और 20 बच्चों की सर्जरी अटकने के खुलासे से स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए खराबी दूर करने के निर्देश दिए। वे मशीन सुधरने और बच्चों की सर्जरी चालू होने के तक अपडेट लेते रहे।
अफसरों ने बताया कि शनिवार को बचे हुए बाकी बच्चों का ऑपरेशन कर उनके दिल का छेद बंद किया जाएगा। शुक्रवार को पहले दिन पीजीआई चंडीगढ़ के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज रोहित व अंबेडकर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया सभी इलाज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत फ्री में किया गया है। पिछले चार साल से बच्चों के दिल का छेद हार्ट ओपन किए बिना विशेष बटन से किया जा रहा है। इससे बच्चों को फायदा हो रहा है। एक बार में 20 से 25 बच्चों के इलाज का प्लान किया जाता है। यही कारण है कि हर बार पीजीआई के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट को बुलाया जाता है। उन्हीं की देखरेख में पूरा प्रोसीजर किया जाता है।