नई दिल्ली. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों की ग्रोथ जून में सबसे तेज रही है। इस साल अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। घरेलू बाजार के साथ ही एक्सपोर्ट के ऑर्डर बढ़ने से इसमें तेजी आई है। एक मासिक सर्वे में ये सामने आया है। निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएआई) जून में 53.1 पर पहुंच गया जो मई में 51.2 पर था। लगातार 11वें महीने ये 50 के स्तर से ऊपर रहा है। इसमें 50 से ऊपर का स्तर सेक्टर की गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है लेकिन ये 50 से नीचे रहता है तो समझा जाता है कि गतिविधियों में कमी आई है।
आईएचएस मार्केट की इकोनॉमिस्ट और पीएमआई पर रिपोर्ट तैयार करने वाली आशना डोढिया का कहना है कि, 'भारत की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी ने जून तिमाही में बेहतर प्रदर्शन किया है। दिसंबर के बाद से आउटपुट और नए ऑर्डर में तेजी से इसे फायद हुआ है। उनका कहना है कि दिसंबर 2017 से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। सर्वे के मुताबिक इनपुट कॉस्ट की महंगाई जुलाई 2014 के बाद तेज रही। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी पर इसका दबाव दिख सकता है। जून में आरबीआई ने रिटेल महंगाई का अनुमान 0.30% बढ़ा दिया था। जून की पॉलिसी समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% का इजाफा कर दिया।