खसरे के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग का मोबाइल एप, बीमारी के लक्षण डालते ही 24 घंटे में घर पहुंचेगी टीम

4 वर्ष पहले
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  • 2020 तक देश को खसरा मुक्त करने का लक्ष्य
  • सरकारी व निजी अस्पतालों को भी जोड़ेंगे एप से 

भोपाल। नौनिहालों में खसरे के खतरे को खत्म करने के लिए राज्य सरकार अब मोबाइल एप्लीकेशन का सहारा लेगी। इसमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा। खांसी, तेज बुखार और शरीर पर दाने उठने पर बच्चे की जानकारी इस \'एप\' पर अपलोड करना होगी। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे के अंदर प्रभावित के घर पहुंच जाएगी और विटामिन ए का डोज देने के साथ ही उपचार भी शुरू कर देगी। वर्ष 2020 तक देश को खसरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए यह प्रयोग करने वाला मप्र पहला राज्य होगा। स्वास्थ्य विभाग संभवत: इसी महीने यह एप लॉन्च कर देगा। स्कूलों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

 

इससे यह फायदा ये होगा कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंच बनेगी। सब कुछ ऑनलाइन होगा। एक एसएमएस सीएमएचओ के पास भी जाएगा। टीम प्रभावित इलाके में पहुंचकर 500 घरों का सर्वे करेगी। उस क्षेत्र में बीते तीन माह का रिकॉर्ड देखेगी। यदि कोई संदिग्ध बच्चा भी मिला तो उसे विटामिन-ए की दवा पिलाई जाएगी। इससे 95 फीसदी मौतों को रोका जाएगा। टीमें पांच किमी के दायरे में 48 घंटे में पहुंचेंगी।
 
देश में हर साल 40 हजार बच्चों की मौत: चेचक और पोलियो के उन्मूलन के बाद अब खसरा मिटाने का लक्ष्य स्वास्थ्य महकमे को दिया गया है। वर्ष 2016 में भारत सरकार ने रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि दुनिया में तकरीबन डेढ़ लाख बच्चे खसरे के कारण दम तोड़ देते हैं। भारत में हर साल करीब 30 से 40 हजार बच्चों की मौत इस बीमारी से हो जाती है। शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार यदि किसी बच्चे को खसरा हो जाए और उसे विटामिन ए का डोज दे दिया जाए तो मृत्यु को रोका जा सकता है। 

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