देश मोदी को छोड़ेगा नहीं, राफेल से जुड़े सबूत मिटाने के लिए उन्होंने सीबीआई चीफ पर कार्रवाई की: राहुल गांधी

4 वर्ष पहले
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  • छुट्टी पर भेजे जाने से पहले राफेल समेत 7 संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे थे सीबीआई चीफ आलोक वर्मा 
  • कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- मोदी को पता था कि सीबीआई राफेल डील में जांच शुरू करने वाली है
  • राहुल ने कहा- मोदी जानते थे कि जांच शुरू होते ही वे खत्म हो जाएंगे, इसलिए सीबीआई चीफ पर कार्रवाई हुई
  • सीबीआई चीफ के आवास के बाहर इंटेलिजेंस ब्यूराे के 4 लोग पकड़े गए, राहुल ने कहा- जासूसी हो रही थी

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। राहुल ने आरोप लगाया, ‘‘सीबीआई चीफ पर इसलिए हुई कार्रवाई क्योंकि वे राफेल से जुड़े मामले की जांच शुरू करने वाले थे। उनके कमरे को सील किया गया और जो दस्तावेज उनके पास थे, वे ले लिए गए। राफेल से जुड़े सबूतों को मिटाने के लिए यह काम रात 2 बजे किया गया। देश नरेंद्र मोदी को छोड़ेगा नहीं, विपक्ष भी उन्हें नहीं छोड़ेगा।’’

 

देश की इस सबसे बड़ी जांच एजेंसी में उसके चीफ आलोक वर्मा और नंबर-2 अफसर राकेश अस्थाना के बीच विवाद है। अस्थाना पर रिश्वत लेने का आरोप है। इसी के चलते सरकार ने मंगलवार रात एक आदेश जारी कर नागेश्वर राव को अंतरिम चीफ बना दिया और जांच जारी रहने तक वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया। राहुल ने सीबीआई में आए इसी संकट के मुद्दे पर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 

 

राहुल के आरोप : कहा- नरेंद्र मोदी ने चोरी की, पकड़े जाएंगे

 

  • राहुल ने कहा, ‘‘सीबीआई डायरेक्टर को सिर्फ चीफ जस्टिस और लीडर ऑफ अपोजिशन मिलकर अप्वाइंट कर सकते हैं और हटा सकते हैं। आप प्रधानमंत्री की मानसिकता को पहचानिए। उन्होंने कहा कि मैं देश का चौकीदार हूं। उनकी छवि चौकीदार की है और उन्होंने भ्रष्टाचार किया है।’’ 
  • ‘‘प्रधानमंत्री को पता है कि जिस दिन सीबीआई की कार्रवाई शुरू हो गई, उस दिन प्रधानमंत्री खत्म हो जाएंगे। ये घबराहट में, डर में लिया गया फैसला है। वे डर गए हैं कि मैंने भ्रष्टाचार किया है और मैं पकड़ा जाने वाला हूं।’’
  •  ‘‘एक क्राइम प्रधानंमत्री जी ने किया। उस क्राइम को छिपाने के लिए दूसरा, तीसरा, चौथा क्राइम किया जाएगा। लेकिन, नरेंद्र मोदी पकड़ा जाएगा। आप जितना छिपना चाहते हो, छिपो। आप अंत में पकड़े जाओगे। नरेंद्र मोदी को देश छोड़ेगा नहीं। ये होशियार और ईमानदार लोगों का देश है और ये देश सब समझता है।’’
  • ‘‘इस मामले में सीबीआई जांच करवाना प्रधानमंत्री के लिए खुदकुशी जैसा था। इसलिए इसे रोकने के लिए ये कदम उठाया गया। पूरे मामले में प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द नहीं बोला। आप प्रधानमंत्री को यहां बैठा दो और सवाल पूछो राफेल पर, वो छिपकर भाग जाएंगे।’’ 
  • ‘‘सबूत एकदम साफ हैं। सरकार आमतौर पर टेंडर जारी करती है। यहां टेंडर हवाई जहाजों का होता है, दाम तय होता है। प्रधानमंत्री फ्रांस जाते हैं और टेंडर कैंसल कर देते हैं। ना डिफेंस मिनिस्टर को मालूम और ना किसी और को। प्रधानमंत्री ने 30 हजार करोड़ रुपए अनिल अंबानी की जेब में डाले हैं।’’

 

सीबीआई कैसे पहुंचा राफेल का मामला?

अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है कि सीबीआई चीफ अालोक वर्मा जिन मामलों को देख रहे थे, उनमें सबसे संवेदनशील केस राफेल डील से जुड़ा था। दरअसल, 4 अक्टूबर को ही वर्मा को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की तरफ से 132 पेज की एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की सरकार की डील में गड़बड़ी हुई है। आरोप था कि हर एक प्लेन पर अनिल अंबानी की कंपनी को 35% कमीशन मिलने वाला है। दावा है कि आलोक वर्मा को जब हटाया गया, तब वे इस शिकायत के सत्यापन की प्रक्रिया देख रहे थे।

 

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माेइन कुरैशी के मामले की जांच से शुरू हुआ रिश्वतखोरी विवाद

सीबीआई में अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। इस जांच के दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में उसे क्लीन चिट देने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे थे। हालांकि, 24 अगस्त को अस्थाना ने सीवीसी को पत्र लिखकर डायरेक्टर आलोक वर्मा पर सना से दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया था। 

 

वर्मा के घर के बाहर थे आईबी के कर्मचारी

रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद छुट्टी पर भेजे सीबीआई चीफ आलोक वर्मा के दिल्ली स्थित अावास के बाहर गुरुवार सुबह चार संदिग्ध नजर आए। सुरक्षाकर्मियों ने उनसे पूछताछ कि तो वे इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मी निकले। इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सीबीआई चीफ की जासूसी करा रही है।

 

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