- इसी साल जनवरी में एडीएम ने आदेश जारी किया था
- इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल परिसर में मौजूद मस्जिद में स्थानीय लोगों के अलावा अन्य किसी को जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। सोमवार को जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की खंडपीठ ने कहा कि ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। हम इसे बर्बाद नहीं होने दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा, "इस तरह की नमाज अदा करने के लिए ताजमहल ही क्यों? आगरा में और भी मस्जिदें हैं। बाहरी लोग वहां जाकर नमाज अदा कर सकते हैं।"
24 जनवरी 2018 को आगरा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) ने एक आदेश में कहा था कि जो लोग आगरा के निवासी नहीं हैं, उन्हें ताजमहल परिसर में स्थित मस्जिद में सुरक्षा कारणों से जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस फैसले के खिलाफ ताजमहल मस्जिद प्रबंधक समिति के अध्यक्ष इब्राहीम हुसैन जैदी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.