• Hindi News
  • Local
  • Chhattisgarh
  • Durg bhilai
  • Bhilai अभिव्यक्ति का सबसे सरल माध्यम है हिंदी भाषा, समझने में आसान, करें उपयोग: शर्मा

अभिव्यक्ति का सबसे सरल माध्यम है हिंदी भाषा, समझने में आसान, करें उपयोग: शर्मा

5 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुशीलचंद्र शर्मा ने कहा कि हिंदी भाषा अभिव्यक्ति का सबसे सरल माध्यम है। जैसा लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं। अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त करने के लिए इसका उपयोग करें। भाषा सिर्फ सम्प्रेषण का माध्यम ही नहीं अपितु मानव हृदय के उदगारों एवं भावनाओं की अभिव्यक्त करने वाली अक्षय निधि है और हृदय के भाव सर्वाधिक सशक्त तौर पर कविता में प्रस्तुत होते हैं।

हिंदी दिवस पर कॉलेज में हुई काव्य गोष्ठी में उन्होंने छात्राओं को हिंदी का महत्व बताया। अपनी भावनाओं को सरल और सहज तरीके से अभिव्यक्त करने के लिए इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने न केवल छात्राओं से हिंदी भाषा को पढ़ने रचने एवं गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। नीरज की प्रसिद्ध पंक्ति जितना कम सामान रहेगा।

शारदा स्कूल के विद्यार्थियो ंने नुक्कड़ नाटक हिंदी का महत्व का मंचन किया।

तृप्ति ने सुनाई अपनी लिखी रचना संवादों के शहर में मौन बेचती हूं...

गोष्ठी में छात्राओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गीतकार गोपाल दास नीरज की पंक्तियां सुनाईं। बीए प्रथम की छात्रा वैभवी चौबे ने अटलजी की गीत नई गाता हूं... सुनाई। तृप्ति नायर ने खुद की लिखी संवादों के शहर में मैं मौन बेचती हूं सुनाई। पीजी की छात्रा काजल वाणिज्य की छात्रा प्रज्ञा मिश्रा ने बेटियों पर एक नज्म प्रस्तुत किया।

गर्ल्स कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी सुनाई अपनी लिखी हुई कविताएं और गीत

कार्यक्रम के दौरान अमीर खुसरो, कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, सूर्यकांत त्रिपाठी, निराला, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा की हिंदी परंपरा को याद किया। प्रो. अनिल जैन, डॉ. निसरीन हुसैन, डॉ. यशेश्वरी ध्रुव एवं डॉ. ज्योति भरणे ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इसका संचालन डॉ. अंबरीश त्रिपाठी ने और आभार डॉ. यशेश्वरी ध्रुव ने किया।

हिंदी आर्य भाषाओं और बोलियों की जननी : भोई

शारदा विद्यालय में हुए हिंदी दिवस के कार्यक्रम में प्राचार्य गजेंद्र भोई ने कहा कि हिन्दी का प्राचीनतम इतिहास है। सभी आर्य भाषाओं एवं बोलियों की जननी हिंदी है। भारतीयों की पहचान है हिंदी भाषा। इसे हृदय से बोलना चाहिए। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने प्रार्थना, सुविचार और कविता का वाचन किया। दसवीं के छात्रों ने हिंदी का महत्व नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों ने मुहावरों पर आधारित संवादों की प्रस्तुति दी। इस दौरान बच्चंो को हिंदी और मातृभा,ा का महत्व बताया गया। इसमें पढ़ने से होेने फायदों के बारे में जानकारी दी गई। छात्रों ने उसे ध्यान से सुना। संचालन दीक्षा मंडावी और छाया चौधरी ने की। इस अवसर पर डायरेक्टर संजय ओझा, चेयरमैन विपिन ओझा, मैनेजर ममता ओझा, विभोर ओझा, पुष्पा सिंह, पूजा बब्बर आदि उपस्थित थे।

खबरें और भी हैं...