कुछ ही घंटों में वाघा बॉर्डर के जरिए लौटेंगे विंग कमांडर अभिनंदन : 1959 से हर रोज यहां हो रहा है समारोह लेकिन इस कंडीशन में सब हो जाता है बंद, टूरिस्ट को एंट्री भी नहीं मिलती

4 वर्ष पहले
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ट्रैवल डेस्क। इंडियन एयरफोर्स (IAF) के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान आज अपने देश वापस लौट रहे हैं। वे वाघा बॉर्डर के जरिए आएंगे। वाघा एक गांव है जो भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाली सड़क ग्रैंड ट्रंक रोड के किनारे बसा हुआ है। वाघा अमृतसर से करीब 20 किमी और लाहौर से 22 किमी की दूरी पर है। भारत से पाकिस्तान जाने के लिए यह एकमात्र निर्धारित रोड है।

क्यों फेमस है वाघा?
वाघा बॉर्डर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के लिए दुनियाभर में फेमस है। इस सेरेमनी को देखने के लिए दुनियाभर से टूरिस्ट यहां आते हैं। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में देशभक्ति से जुड़े गाने गाए जाते हैं। देशभक्ति के साथ ही बॉलीवुड गानों पर दर्शक थिरकते हैं। दोनों देशों के सैनिक अपना शौर्य दिखाते हैं। दोनों ही देशों के लोग सेरेमनी का हिस्सा होते हैं।

कौन सी चीजें यहां अलाउ नहीं?
- यहां जैमर लगे हैं, इसलिए आप मोबाइल ले तो जा सकते हैं लेकिन नेटवर्क नहीं आता।
- बैग लेकर अंदन जाने नहीं दिया जाता। इसमें लेडीज के हेंडबैग से लेकर पर्स तक शामिल हैं।
- खाना और पानी खरीदने के लिए स्टॉल होते हैं।

क्या टाइमिंग होती है
- सेरेमनी 45 मिनट की होती है। इसे सूर्यास्त के पहले कर लिया जाता है। सर्दियों में 4.15 तो गर्मियों में 4.45 बजे सेरेमनी शुरू हो जाती है।
- बॉर्डर गेट सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक ओपन रहते हैं।
- हालांकि सेरेमनी 4 बजे के बाद ही शुरू होती है। ऐसे में यदि आप सेरेमनी देखना चाहते हैं तो आपको किसी भी हाल में 3 बजे तक यहां पहुंचना जरूरी होता है।
- वीकेंड और पब्लिक हॉलीडे के दौरान सीटों की बुकिंग पहले से ही फुल होती है।

कैसे पहुंचे?
- आप पब्लिक बस के साथ ही कार से भी वाघा बॉर्डर पहुंच सकते हैं। ट्रेन के जरिए भी यहां तक पहुंचा जा सकता है।
- ट्रेन से पहुंचने के लिए आपको अमृतसर उतरना होगा। यहां से आप टैक्सी के जरिए वाघा तक पहुंच सकेंगे।
- वाघा बॉर्डर से एयरपोर्ट करीब 35 किमी दूर है। यह अमृतसर में है। एयरपोर्ट से 40 मिनट में वाघा बॉर्डर पहुंचा जा सकता है। इसके लिए 700 से 800 रुपए खर्च
करना होते हैं।
- वाघा बॉर्डर पर टूरिस्ट के रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि यहां से 30 किमी दूर यानी अमृतसर में ठहरने की तमाम व्यवस्थाएं हैं।
- इस समारोह का आयोजन 1959 से किया जा रहा है लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव ज्यादा बढ़ने पर समारोह को कुछ दिनों के लिए रोक दिया जाता है।