लखनऊ. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अब उन भूखंडधारियों को फ्लैट देने की तैयारी कर रहा है, जिनकी रजिस्ट्री होने के बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। साथ ही यदि किसी वजह से भूखंड मिस हो गए हैं तो ऐसे आवंटियों को उसी जगह के आसपास फ्लैट दिए जाएंगे, जहां पर उन्हें भूखंड मिलना था। एलडीए के वीसी ने बताया कि मीटिंग में यह फैसला लिया गया है।
एलडीए के वीसी सत्येंद्र सिंह ने कहा कि जितने भी भूखंड के विवाद हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म किया जाएगा। ऐसे में लोगों को उनका आशियाना भी मिल जाएगा और उन्हें ऑफिस के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए एलडीए विवादों की लिस्ट भी बना रहा है। इनमें सबसे पहले उन विवादों को सुलझाया जाएगा, जिनमें एलडीए ने लोगों की रजिस्ट्री तो कर दी है, लेकिन भूखंड पर कब्जा नहीं मिला है।
भूखंड से जुड़े हैं तीन तरह के विवाद
सत्येंद्र सिंह ने बताया कि भूखंड से जुड़े तीन तरह के विवाद हैं। सबसे पहले मामले ऐसे हैं, जिनमें रजिस्ट्री तो हो गई है लेकिन भूखंड पर कब्जा नहीं मिला है। दूसरी तरह का मामला यह है कि आवंटी ने पूरा पैसा तो जमा कर दिया, लेकिन उन्हें भूखंड नहीं मिले। तीसरे मामले ऐसे हैं, जिनमें आवंटियों को आवंटन तो गया है, लेकिन अभी तक भूखंड नहीं मिला है।
फ्लैट न लेने पर ब्याज सहित वापस होगा पैसा
एलडीए के वीसी ने यह भी बताया कि इसके लिए आवंटियों को भूखंड के आसपास फ्लैट मुहैय्या कराया जाएगा। इसकी प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। साथ ही घर पर लेटर भी भेजेंगे। फिर एक तारीख तय कर देंगे कि इस दिन अपने भूखंड के बदले फ्लैट ले सकते हैं। फिलहाल इसके लिए 31 जुलाई की डेट तय की गई है। यदि इस दिन आवंटी का कोई जवाब नहीं आया तो यह समझा जाएगा कि उस शख्स को फ्लैट नहीं चाहिए।
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