क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भीड़ को उपद्रव करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो छत्तीसगढ़ के दुर्ग-राजनांदगांव हाईवे का है। यहां 22 मई 2022 की सुबह मुस्लिम समुदाय के 15-17 युवक चाय पीने हमारा ढ़ाबा पहुंचे थे।
इन युवकों ने चाय पीने के बाद पैसे देने से मना कर दिया। ढाबे संचालक के विरोध करने पर इन युवकों ने झगड़ा करने के बाद पैसे दिए। लेकिन, कुछ देर बाद 250 मुसलमान युवकों चाकू, तलवार, धारदार हथियार, डंडे और दूसरे हथियार लेकर ढ़ाबे पर हमला कर दिया।
इसी दावे के साथ ये वीडियो फेसबुक पर भी जमकर वायरल हो रहा है।
और सच क्या है?
वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने ये वीडियो भास्कर की छत्तीसगढ़ टीम को भेजा। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो से जुड़ी खबर भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर 3 दिन पहले पब्लिश की थी। लेकिन इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
दरअसल, राजनांदगांव में 22 मई की सुबह 6 बजे मोपेड सवार दो युवक दुर्ग की दिशा में जा रहे थे, तभी वे पेट्रोल पंप के पास खड़े ट्रक में जा घुसे। तब ट्रक का चालक हमारा ढाबा में चाय पीने रुका था, तभी घायल युवक कुछ लोगों के साथ ढाबे में पहुंचे और ड्राइवर से मारपीट करने लगे।
ढाबा संचालक दीपक यादव और गौरव यादव ने विवाद शांत कराया। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद ढाबे के सामने बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई, जिन्होंने सीधे ढाबे पर हमला कर दिया।
उपद्रव के दौरान भीड़ में मौजूद कुछ बदमाशों ने राड से संचालक दीपक के सिर पर जानलेवा वार किया, वहीं उसके छोटे भाई गौरव यादव के पेट में चाकू घोंप दिया।
इस मामले में भास्कर संवाददाता ने ASP राजनांदगांव संजय महादेव से भी बात की। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है। ये मामला सांप्रदायिक नहीं है।
इस मामले में अबतक 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जिनमें दोनों समुदाय के लोग है। वहीं, चाकू मारने वाला मुख्य आरोपी और पीड़ित दोनों ही हिंदू हैं। घटना में शामिल रहे आरोपी मो. आदिल अंसारी (20), शमीम अहमद (22), मो. नूर हसन (23), लीलाधर बम्बोड़े (22) और चंद्रप्रकाश साहू (18) को गिरफ्तार किया गया है।
साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है।