बिना माइक्रोस्कोप के नहीं देखा जा सकता कोरोना वायरस, वायरल हो रहे कीड़े का वीडियो फर्जी

3 वर्ष पहले
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  • क्या वायरल: वीडियो में दिखाया जा रहा है कोरोनावायरस का कीड़ा
  • क्या सच: माइक्रोस्कोपिक है कोरोना वायरस, बिना यंत्र के नहीं देख सकते

फैक्ट चेक डेस्क. चीन में कोरोनावायरस के चलते हाहाकार मचा हुआ है। वहीं भारत में इस खतरनाक बीमारी के दस्तक की खबरें आ रहीं हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस को लेकर एक मैसेज वायरल किया जा रहा है। दैनिक भास्कर के पाठक डॉक्टर दीपक राय और दीपा नागरेचा ने हमें यह मैसेज सत्यता जांचने के लिए भेजा।

'चाइनीज फूड से 90 दिनों तक रहें दूर'
कोरोनावायरस को लेकर वायरल हो रहे मैसेज के साथ एक वीडियो भी शेयर किया जा रहा है। वीडियो में शख्स के होंठ में से एक कीड़े को निकाला जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार यह कोरोनावायरस का कीड़ा है।


वहीं एक अन्य फोटो मैसेज में दावा किया जा रहा है कि वायरस के भारत में भी आने का खतरा है। इससे बचने के लिेए किसी भी प्रकार के पेय पदार्थ, डिब्बा बंद भोजन जैसे किसी भी खाद्य वस्तु का उपयोग कम से कम 90 दिनों तक ना करें।

क्या है सच्चाई
दैनिक भास्कर ने जब मामले की पड़ताल की तो खबर गलत निकली। हमने इस संबंध में उज्जैन के डॉक्टर महेश मरमट से बात की तो उन्होंने बताया कि, कोरोनावायरस माइक्रोस्कोपिक है। इसे केवल माइक्रोस्कोप के जरिए ही देखा जा सकता है। जबकि मैसेज के साथ शेयर हो रहे वीडियो में होंठ से निकाले जा रहे कीड़े को कोरोनावायरस का कीड़ा बताया जा रहा है।


इससे साफ होता है कि कोरोनावायरस के नाम से वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। डॉक्टर महेश उज्जैन के सरकारी अस्पताल में हेल्थ ऑफिसर हैं और चीन के वुहान से लौटे एक मेडिकल स्टूडेंट की जांच कर रहे हैं।डॉ. मरमट ने खाने पीने संबंधी वस्तुओं से परहेज करने वाली खबरों को महज अफवाह बताया।


उन्होंने कहा कि इस तरह की बीमारी से बचने के लिए आपको बहुत ही बेसिक प्रिकॉशन्स लेने होते हैं। जैसे- बार-बार हाथ साफ करें, इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अपने चेहरे को बांध कर रखें। उन्होंने बताया कि अच्छा खाना खाएं, जिससे आपके शरीर में इम्युनिटी बनी रहे। WHO ने भी हेल्थ एडवाइजरी जारी की है।

क्या है कोरोनावायरस
कोरोना वायरस, एक वायरस का ऐसा समूह है जो पक्षियों, स्तनधारी पशुओं और इंसानों में कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता है। इसका नाम कोरोना वायरस इसलिए रखा गया, क्योंकि इसको इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर इसकी सतह कुछ ऐसी दिखाई देती है जैसा कि हमारे सूर्य के चारों तरफ का चमकदार कोरोना हो। ऐसा नहीं है कि इस वायरस के समूह को अभी खोजा गया है, बल्कि हमें इसके बारे में बहुत पहले से पता है। इस समूह के कुछ वायरस बहुत ज्यादा हानिकारक नहीं हैं।


बहुत बार मौसम बदलते समय जो हमें जुखाम, नाक बहना, गला खराब होना या बुखार, इस तरह की छोटी-मोटी दिक्कतें आती हैं उनमें से बहुत-सी इसी वायरस की वजह से हो सकती हैं। लेकिन कुछ कोरोना वायरस बड़े घातक हैं और उनके संक्रमण से इंसान की मृत्यु तक हो सकती है।

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